लखनऊ: कोविड-19 महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने 2020-21 में लंबी छलांग लगाई है। वह राज्यों के आधार पर देश में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। उत्तर प्रदेश ने तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 19.48 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सरकार का दावा है कि दूसरे नंबर पर पहुंचने की बड़ी वजह, प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आसान होना और बड़े पैमाने पर निवेश आना रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त विभाग की रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। महाराष्ट्र की 2020-21 में जीएसडीपी 30.7 लाख करोड़ रुपये है। जबकि यूपी की 19.48 लाख करोड़ रुपये है। वहीं तीसरे नंबर पर तमिलनाडु की जीएसडीपी 19.2 लाख करोड़ रुपये है। इसी तरह 18 लाख करोड़ रुपये की जीएसडीपी के साथ कर्नाटक चौथे नंबर पर और गुजरात 17.3 करोड़ रुपये के साथ 5 वें नंबर पर है। जबकि 2019-20 में उत्तर प्रदेश 5 वें स्थान पर था। वहीं महाराष्ट्र पहले नंबर पर, तमिलनाडु दूसरे नंबर पर, गुजरात तीसरे नंबर पर, कर्नाटक चौथे नंबर पर था।
छठवें से दूसरे नंबर पर लाए- मुख्यमंत्री
15 सितंबर,2021 को यूपी की राजधानी लखनऊ में टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा आयोजित नवभारत नवनिर्माण मंच पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा "2015-16 में यूपी की अर्थव्यवस्था देश में छठवें नंबर पर थी। वह अब दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी का सीधा मतलब है कि लोगों की आय बढ़ी है। 2016 में बेरोजगारी दर 17 फीसदी थी, वह अब गिरकर 4 फीसदी रह गई है। सरकार ने 4.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। इसी तरह 2018 तक प्रदेश में एक भी इनवेस्टर समिट नहीं हुई थी। हमने पहली इनवेस्टर समिट कराई। और अब तक 3 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं। इसी तरह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश 2015-16 में 14 वें स्थान पर था, आज उत्तर प्रदेश नंबर-2 पर है। इन आंकड़ों का सीधा मतलब है सरकार के रिफॉर्म का असर दिख रहा है।"
ओडीओपी स्कीम पर खास जोर
इसके अलावा प्रदेश सरकार अपनी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम का भी तेजी से दायरा बढ़ा रही है। इसी के तहत सरकार ODOP(वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) का अपना ई-कॉमर्स पोर्टल लांच करने जा रही है। जहां पर ओडीओपी से जुड़े कारीगर अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कर सकेंगे। इस समय अमेजन, फ्लिपकार्ट, ईबे जैसे ई-कॉमर्स पोर्टल पर ओडीओपी के 11 हजार उत्पाद जुड़े हुए हैं। जिनके जरिए कारीगरों ने 24 करोड़ रुपये की कमाई की है।
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