लखनऊ : यूपी में नई सरकार के गठन के बाद युवाओं को रोजगार देने की दिशा में योगी सरकार ने अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने स्टार्टअप योजना पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत आत्मनिर्भर युवा स्टार्टअप मिशन बनाकर 10 लाख रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
संकल्प पत्र के इस वादे को पूरा करते हुए राज्य के नए-नए स्टार्टअप में युवाओं को रोजगार मिल सके, इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर स्टार्टअप को खोलने के इच्छुक उद्यमियों की विभाग हर स्तर पर मदद करेगा। फिलहाल विभाग के अधिकारी स्टार्टअप खोलने के लिए इच्छुक कई युवा उद्यमियों के संपर्क में हैं। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जल्दी ही राज्य में मंडल स्तर पर इंक्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे और 100 नए इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। अभी यूपी में करीब 20 इंक्यूबेशन सेंटर काम कर रहे हैं। इनके जरिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग या अन्य जरूरी सेवाएं देकर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
इन इंक्यूबेटर्स के जरिए करीब 10 हजार नए स्टार्टअप और स्थापित किए जाएंगे, जिससे 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। सरकार के ऐसे प्रयास से स्थानीय प्रतिभा को वहीं पर रोजगार के अवसर मुहैया हो सकेंगे। यही नहीं इसके लिए स्टार्टअप शुरू करने वालों को पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि स्टार्टअप्स को स्किल्ड लेबर मिल सके, इसके लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने का प्रोग्राम भी पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। साथ ही ऐसे स्टार्टअप्स, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर काम कर सकते हैं, उनके लिए और भी जरूरी मदद विभाग द्वारा मुहैया करवाई जाएगी। इसमें उनकी फाइनैंसिंग, मेंटरशिप चलाने जैसी योजनाएं शामिल हैं। अच्छे स्टार्टअप को सब्सिडी भी दी जाएगी।
अधिकारियों का दावा है कि यूपी सरकार की स्टार्टअप नीति 2020 नए स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को भा रही है। इस नीति में नया स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को जो प्रोत्साहन सरकार दे रही है, उसके चलते 3,500 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं। इससे करीब पचास हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। सबसे अधिक 1154 स्टार्टअप नोएडा में स्थापित किए गए हैं। जबकि गाजियाबाद में 533, लखनऊ में 500 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में कुल 1,219 स्टार्टअप्स स्थापित किए जा चुके हैं। ये स्टार्टअप सूचना प्रौद्योगिकी, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अब इसमें और इजाफा होगा क्योंकि जल्द ही राज्य में 100 नए इनक्यूबेटर की स्थापना की जाएगी, इनके जरिये लोगों को रोजगार मिलेगा।
अभी तीन दर्जन से अधिक इनक्यूबेटर कार्य कर रहे हैं। राज्य के हर जिले में स्थापित किए जाने वाले इनक्यूबेटर के जरिए प्रबंधन प्रशिक्षण या अन्य जरूरी सेवाएं प्रदान करके नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसके बाद करीब 10 हजार नए स्टार्टअप स्थापित होंगे, इससे 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश में देश का स्टार्टअप हब बन रहा है। राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से यूपी में स्टार्टअप कई गुना बढ़े हैं। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश अब देश का नया स्टार्टअप हब बनता जा रहा है और यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार की गई नीति और रोडमैप के कारण संभव हुआ है। वर्तमान में, नई स्टार्टअप नीति यूपी में एक कुशल कारोबारी माहौल को बढ़ावा दे रही है। चिकित्सा और स्वास्थ्य, कृषि, खादी, ऊर्जा, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन आदि के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित स्टार्टअप यूपी को नई दिशा दे रहे हैं। स्टार्टअप के जरिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने वाले राज्यों में यूपी शामिल हो रहा है। इन्हीं सबका नतीजा है कि प्रदेश में स्थापित स्टार्टअप देश को स्टार्टअप हब बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं और जल्दी ही नए स्टार्टअप इस तस्वीर को बेहतर करेंगे।
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