लखनऊ: चीनी मिलों का गन्ना मूल्य भुगतान में यूपी सरकार ने रिकॉर्ड बना दिया है। सरकार पिछले तीन सालों में प्रदेश की 119 चीनी मिलों का गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं। वहीं, इस साल चीनी मिलों का 21228.61 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है जबकि अभी मिलों को गन्ना मूल्य का भुगतान कार्य जारी है। इस सत्र में प्रदेश की 119 चीनी मिलों में 105.62 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है।
गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने पत्रकारों के साथ वर्चुअल संवाद में कहा कि प्रदेश के किसानों के हित में यूपी सरकार लगातार काम करती आ रही है। किसानों से गन्ना खरीद हो या फिर किसानों को उनकी फसल का भुगतान सब में योगी सरकार अव्वल रही है। वहीं, अब चीनी मिलों का गन्ना मूल्य के भुगतान में योगी सरकार ने रिकार्ड बना दिया है। योगी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-18 में मिलों का गन्ना मूल्य का 35,442.14 करोड़ का भुगतान किया गया जबकि 2018-19 में 33,048.06 करोड़ रुपए और 2019-20 में 35,898.85 करोड़ रुपए जबकि साल पेराई सत्र 2020-21 में 22,468 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है और अभी मिलों का लगातार भुगतान किए जाने की प्रक्रिया जारी है। विभाग के अनुसार 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में योगी सरकार द्वारा चीनी मिलों का शत प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। सरकार अब तक कुल 1,37,518 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान कर चुकी है।
सुरेश राणा ने कहा कि पिछली सरकार जहां चीनी मिलों को बंद करने का काम कर रही थी। वहीं, योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश में चीनी मिलों की दशा सुधारने के साथ-साथ नई चीनी मिलों को खोला गया। सरकार ने समय पर चीनी मिलों को गन्ना मूल्य का भुगतान कराना सुनिश्चित कराया। इसके नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं। सरकार के सहयोग से चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन में रिकार्ड बना दिया है। सरकार ने 2017-18 में 1111.90 लाख टन गन्ना पेराई की इससे चीनी मिलों में 120.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। इसी तरह 2018-19 में 1031 लाख टन पेराई की गई जबकि चीनी मिलों ने 118.22 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। 2019-20 में चीनी मिलों द्वारा 126.37 लाख चीनी उत्पादन किया गया जबकि वर्तमान पेराई सत्र में चीनी मिलें 105.62 लाख टन चीनी उत्पादन कर चुकी हैं।
राज्य सरकार ने तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 समेत यूपी में कुल 4,289 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई कर 475.69 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। वर्ष 2017-18 से 31 मार्च, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से प्रदेश में कुल 280.54 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ है, जो कि एक रिकार्ड है।
अगले पेराई सत्र के लिए प्रदेश में तैयार हो रही गन्ने की फसल का इस बार करीब एक लाख हेक्टेयर का रकबा बढ़ गया है। प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि पिछले साल राज्य में 26.79 लाख हेक्टेयर में गन्ना बोया गया था। गन्ना मंत्री के अनुसार इस बार यह रकबा बढ़कर लगभग 27.75 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल राज्य में 2172.53 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। इस बार रकबा बढ़ने की वजह से गन्ने की पैदावार और बढ़ेगी। उ.प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघकी आठ डिस्टलरियों में अगले पेराई सत्र से बी.हैवी शीरे से एथेनाल का उत्पादन किया जाएगा। पश्चिमी यूपी में कुछ निजी निवेशकों ने चीनी मिल स्थापित करने में दिलचस्पी दिखाई है। उम्मीद है कि बहुत जल्द इस बारे में कुछ अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
सुरेश राणा ने कहा कि पिछली सरकारों में एक के बाद एक बंद होती चीनी मिलों को योगी सरकार ने न सिर्फ दोबारा शुरू कराया गया बल्कि यूपी को देश में गन्ना एवं चीनी उत्पादन में नंबर वन बना दिया। राज्य सरकार ने तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 समेत यूपी में कुल 4,289 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई कर 475.69 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। वर्ष 2017-18 से 31 मार्च, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से प्रदेश में कुल 280.54 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ है। जो कि एक रिकार्ड है।
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