लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट की स्थिति गंभीर होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महामारी के खिलाफ अभियान की कमान एक बार फिर अपने हाथ में ले ली है। वह राज्य में गंभीर हुई कोविड-19 की स्थिति पर अपनी करीबी नजर बनाए हुए हैं। कोरोना की पहली लहर में कोविड-19 की रोकथाम और महामारी के सभी पहलुओं पर नजर रखने वाली टीम-11 फिर से सक्रिय है। योगी सरकार कोविड-19 के प्रबंधन एवं उपायों में कोई ढिलाई नहीं देना चाहती। पूरा प्रशासनिक अमला कोरोना की चुनौतियों से निपटने में लगा है।
रेमडेसिविर लाने गुजरात भेजा प्लेन
मु्ख्यमंत्री योगी ने दवाओं, मेडिकल उपकरणों की उपलब्ता सुनिश्चित रखने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। कुछ दिनों पहले राज्य में जब रेमडेसिविर की कमी की बात सामने आई तो मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के विमान को गुजरात भेजने में देरी नहीं की। राज्य सरकार का यह प्लेन गत 14 अप्रैल को गुजरात से रेमडेसिविर की 25,000 डोज लेकर लखनऊ पहुंचा। इससे पहले लखनऊ के अस्पतालों जहां कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था, उन अस्पतालों में इस दवा की कमी बनी हुई थी।
संकट के समय जनहित कार्य में जुटे एयरक्राफ्ट
यह बात मुख्यमंत्री को जैसे ही पता चली उन्होंने बिना देरी किए गुजरात से रेमडेसिवर मंगाने के लिए अपने एयरक्राफ्ट को अहमदाबाद के लिए रवाना किया। संकट के समय में खुद के चलने के लिए मौजूद विमान को जनहित कार्य में लगाने का यह पहला अवसर नहीं है। सीएम योगी पिछले एक साल में कम से कम पांच बार अपने एयरक्राफ्ट को इस तरह के कार्यों में लगा चुके हैं। योगी सरकार अपने पास मौजूद तीन एयरक्राफ्ट और तीन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कोविड राहत कार्यों में कर रही है।
राज्य सरकार के पास हैं विमान-हेलिकॉप्टर
राज्य सरकार के पास एक हॉकर 900एक्सपी कॉरपोरेट जेट और दो टर्बोप्राप्स (एक सुपर किंग एयर बी-200, सुपर किंग एयर बी-300) विमान हैं। इसके अलावा उसके पास तीन हेलिकॉप्टर-बेल 412 ईपी, अगस्टा ग्रैंड और एक बेल 230 हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक ये विमान और हेलिकॉप्टर मुख्यमंत्री सहित सरकार के शीर्ष अधिकारियों के परिवहन में इस्तेमाल होते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन विमानों का पहली बार इस्तेमाल पिछले साल महामारी से जुड़े राहत कार्यों में किया गया।
ट्रूनेट टेस्टिंग मशीनें भी प्लेन से मंगवाई
पिछले साल मई महीने में जब देश सख्त लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा था, उस समय सीएम योगी ने कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए सभी 75 जिलों में ट्रूनेट टेस्टिंग मशीन लगाने की योजना बनाई। इन मशीनों को उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने बताया कि वह सड़क मार्ग के जरिए इन्हें भेजेगी। सड़क मार्ग से इन मशीनों को आने में तीन से चार दिन लगते। मौके की नजाकत को देखते हुए सीएम ने राज्य के विमान को सेवा में उतारने का फैसला लिया। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है, 'मुख्यमंत्री ने दखल देते हुए राज्य के विमान को दो उड़ानों में कुल 51 मशीनें लाने के लिए रवाना किया। ये मशीनें उसी दिन अलग-अलग जिलों में भेजी गईं।'
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