लखनऊ : ‘जान भी जहान भी’ के संकल्प संग कोरोना महामारी का डट कर मुकाबला करने वाली योगी सरकार महिला डॉक्टर की मदद करने के लिए आगे आई है। करीब 45 दिनों से इकमो मशीन के सहारे सांसे लेने वाली डॉ शारदा सुमन के प्रत्यारोपण के लिए जरूरी आर्थिक सहायता देने का आश्वासन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है। बता दें कि राम मनोहर लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ राजन भटनागर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर डॉ शारदा का हाल बताते हुए उनकी जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया जिसके बाद सीएम ने उनको आर्थिक सहायता देने की बात कही है।
दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की
डॉ शारदा सुमन के पति अजय कुमार ने बताया कि 31 साल की मेरी पत्नी ने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। डॉ राम मनोहर लोहिया में बतौर जूनियर रेजिडेंट उन्होंने कोरोना के दौरान ड्यूटी की जिसके बाद मरीज के संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो गई। अप्रैल 14 को हल्के लक्षण के कारण होम आइसोलेशन में थीं। अचानक 19 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने से आठ माह की गर्भावस्था में उनको भर्ती कराया। एक मई को ऑपरेशन से डिलिवरी होने के बाद उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद डॉक्टरों ने फेफड़े के प्रत्यारोपण की जानकारी दी। आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण परिवार वाले इस महंगे प्रत्यारोपण को कराने में असमर्थ थे जिसके बाद डॉक्टरों ने सीएम सर से मदद की गुहार लगाने को कहा।
डेढ़ करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देगी योगी सरकार
प्रदेश सरकार डॉ शारदा के इलाज के लिए डेढ़ करोड़ रुपए देगी जिससे उनके फेफड़े का प्रत्यारोपण किया जाएगा। हार मान चुके शारदा के परिवार वालों ने योगी सरकार का शुक्रिया करते हुए कहा कि सरकार हमारे परिवार के लिए मसीहा है। मुख्यमंत्री जी ने जिस तरह से तेजी से सुनवाई करते हुए मदद के हाथ बढ़ाए हैं वो हमारे लिए बड़ी बात है।
आमजन की मदद करने में योगी सरकार अव्वल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर मामले में भी मदद के हाथ बढ़ाते हुए त्वरित कार्रवाई की थी। गाजीपुर में 21 दिन की मासूम गंगा जो 14 जून को गंगा में लकड़ी के बॉक्स में मिली थी जब यह खबर मीडिया की सुर्खियां बनी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया और इस गंगा के पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठाते हुए मल्लाह परिवार के लिए पीएम आवास की भी घोषणा की थी। इसके साथ ही योगी सरकार ने प्रोफेशनल एवं जाब ओरियंटेड पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अल्पसंख्यक समाज के बेटे-बेटियों को विदेश में पढ़ने जाने के लिए 30 लाख रुपये तक की ऋण की व्यवस्था की है। 15 जुलाई तक आवेदन स्वीकार होगा।
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