Hathras Case पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, 12 अक्टूबर तक वरिष्ठ अधिकारियों को जवाब देने के निर्देश

Lucknow Bench on Hathras case: हाथरस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्वत: संज्ञान लिया है और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों से 12 अक्टूबर तक जवाब तलब किया है।

Hathras Case पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, 12 अक्टूबर तक वरिष्ठ अधिकारियों को जवाब देने के निर्देश
हाथरस कांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान 
मुख्य बातें
  • हाथरस केस की पीड़िता की 29 सितंबर को सफदरजदंग अस्पताल में हुई थी मौत
  • पीड़िता के परिवार का गैंगरेप का आरोप लेकिन एडीजी का इनकार
  • कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस के लिए निकले थे लेकिन प्रशासन ने रोका

लखनऊ। हाथरस केस में यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ था और उसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि स्पर्म नहीं मिला। उनके इस बयान की राजनीतिक दलों के साथ साथ कानून के जानकारों ने भी सवाल उठाया। इस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संज्ञान लेते हुए  12 अक्टूबर तक ACS होम, DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर और हाथरस DM & SP से जवाब मांगा है। 

हाथरस मामले में सियासी दखल
गुरुवार को इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी हाथरस जाने के लिए रवाना हुईं। यह बात अलग थी कि दोनों लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया। कांग्रेस की इस सियासत के खिलाफ बीजेपी ने भी मोर्चा खोला और कहा कि यह सब पीड़ित परिवार की आंसू पोछने की कवायद नहीं है बल्कि मिशन 2022 पर है। बीजेपी ने कहा कि राजस्थान में अलग अलग शहरों में रेप की वारदात हुई है सवाल यह है कि राहुल गांधी वहां क्यों नहीं गए। 

हाथरस के डीएम पर संगीन आरोप
पीड़ित परिवार ने हाथरस के डीएम पर संगीन आरोप लगाए हैं। मसलन उनका कहना है कि इस मुद्दे को ज्यादा उछालने से बचना चाहिए। अगर पीड़ित की मौत कोरोना से हुई होती जो ज्यादा मुआवजा मिलता। इसके साथ ही डीएम हाथरस ने कहा कि मीडिया वालों का क्या है वो दो चार दिन आप लोगों के साथ रहेंगे। इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने कहा कि अब तो गांव में रहने से डर लगता है। परिवार का कहना है कि अधिकारियों की तरफ से तरह तरह की धमकियां और प्रलोभन दिए जा रहे हैं। प्रशासन को हम लोगों की परेशानी से कोई वास्ता नहीं है। सिर्फ यही कहा जा रहा है कि जो वो कह रहे उसे मान लेने में ही भलाई है।

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