देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी में गैरकानूनी मदरसों पर कार्रवाई पहले से जारी है। अब इस कड़ी में उन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान करने का फैसला लिया गया है जो प्रदेश के अलग अलग जिलों में चल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसके लिए पूरे प्रदेश में सर्वे के लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने के आदेश दिए हैं और अक्टूबर तक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
बुनियादी सुविधओं की मिलेगी जानकारी
मंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण से मदरसे का नाम और इसे संचालित करने वाली संस्था का नाम, चाहे वह निजी या किराए के भवन में चल रहा हो, और पीने के पानी, फर्नीचर, बिजली की आपूर्ति और शौचालय की बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। .
साथ ही मदरसे में शिक्षकों और छात्रों की संख्या, इसके पाठ्यक्रम, आय के स्रोत और किसी गैर सरकारी संगठन से इसके जुड़ाव के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।पिछले छह वर्षों से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया गया है।
मदरसों की बेहतरी के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
मंत्री ने कहा कि बुधवार को जारी आदेश के अनुसार मदरसों में विवादित प्रबंधन समिति या समिति के किसी सदस्य की अनुपस्थिति में मदरसा प्राचार्य एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे।उन्होंने आगे कहा कि मदरसों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी नियमानुसार मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव दी जाएगी। इस बीच, शिक्षक संघ मदारिस अरबिया के महासचिव दीवान साहब जमां ने राज्य सरकार के इन फैसलों की सराहना की और कहा कि इससे मदरसा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को लाभ होगा।
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