आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारूद्दीन (IAS Mohammad Iftikharuddin) पर मठ मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने हिंदू धर्म के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाने के आरोप लगाए हैं इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया है जो वायरल (Viral Video) हो रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस मामले की गंभीरता से जांच करा रहा है और उनका वीडियो सामने आने के बाद अब शासन ने एसआईटी (SIT) का गठन किया है ।
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारूद्दीन के वायरल वीडियो के मामले पर कहा कि SIT टीम 7 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सब्मिट करेगी, एसआईटी में ADG कानपुर भी शामिल है ।
सिद्धार्थनाथ सिंह बोले इस तरह की सोच रखने वाले IAS अफसर धर्मान्तरण का काम करे, अपने आवास पर करे ये एकदम गलत है, इस मामले की जांच शुरू हो गयी है, उन्होंने कहा कि कानून का जब उल्लंघन होता है तो जो नीतियां बनी हुई है उसके मुताबिक कार्यवाही होगी ।
इफ्तिखारूद्दीन जब कानपुर जोन के कमिश्नर पद पर तैनात थे, अवस्थी ने उस समय का धार्मिक कार्यक्रमों का वीडियो जारी किया है। आरोप है कि इन वीडियो में इफ्तिखारूद्दीन लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे बता रहे हैं। इन कथित वीडियो में एक धार्मिक नेता आईएएस अधिकारी के बगल में बैठा है।
एक अन्य वीडियो में इफ्तिखारूद्दीन के सरकारी आवास पर एक मुस्लिम व्यक्ति को कट्टरपंथ की बातें बोलते हुए देखा और सुना जा सकता है, इस दौरान इफ्तिखारूद्दीन जमीन पर बैठे हुए हैं। यह मामला सामने आने के बाद कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अपर डिप्टी कमिश्नर (पूर्व) सोमेंद्र मीणा को सौंपी गई है।
इस बारे में कानपुर नगर कमिश्नरी पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारूद्दीन के वायरल वीडियो की जांच कराई जा रही है। जांच में वीडियो की प्रामाणिकता परखी जा रही है। इस बारे में राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। यदि इसे सही पाया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
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