यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में चार चेहरों को जगह दी जा सकती है। जिन नामों पर चर्चा है उनमें जितिन प्रसाद, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, संजय निषाद विद्या सागर सोनकर का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ की कल दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी और नामों पर चर्चा हुई। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीएल संतोष से दिल्ली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की मुलाकात के बाद यूपी में कैबिनेट विस्तार की संभावना जतायी जाने लगी है।
कैबिनेट विस्तार की चर्चा पहले से
इस संबंध में पहले से भी कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव में जाने से पहले योगी सरकार कुछ नए चेहरों को शामिल कर सकती है। खासतौर पर जब जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए तो उस समय चर्चा तेज हुई कि उन्हें जगह दी जा सकती है। सियासत के जानकारों का कहना है कि जिस तरह से विपक्षी दलों द्वारा बार बार योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताए जाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं उन आलोचनाओं का जवाब देने के लिए पार्टी ने रणनीति तैयार की।
2022 का चुनाव हर दल के लिए अहम
सियासत के जानकार कहते हैं कि 2022 का चुनाव बीजेपी, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस हर किसी के लिए अहम है और उसके पीछे पुख्ता वजह भी है। बीजेपी चाहेगी कि वो 2022 का चुनाव जीतकर उस मिथ को तोड़ना चाहेगी जिसमें एंटी इंकंबेंसी को हार के लिए बड़ी वजह बताया जाता है। इसके साथ ही एसपी के लिए करो मरो की बात होगी खासतौर से अखिलेश यादव के लिए 2022 का चुनाव उन्होंने अपने बलबूते जीता तो बीएसपी और कांग्रेस के लिए खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की चुनौती है।
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