कार्यकर्ताओं को खुश करने की तैयारी, सपा-बसपा काल में दर्ज मामलों को वापस लेगी योगी सरकार 

Uttar Pradesh : भाजपा का कहना है कि उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज ये मामले राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। कार्यकर्ताओं के खिलाफ ये मामले सपा और बसपा के शासनकाल में दर्ज हुए।

UP govt mulls withdrawal of cases registered against BJP workers during SP, BSP regimes
पा-बसपा काल में दर्ज मामलों को वापस लेगी योगी सरकार। 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से  पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) ने अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि योगी सरकार समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकारों के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज करीब 5000 मामलों को वापस लेने की तैयारी कर रही है। टाइम्स नाउ के आमिर हक की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री (संगठन) बीएल संतोष, राज्य के प्रभारी राधा मोहन सिंह और अन्य मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। 

राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं ये मामले-भाजपा
भाजपा का कहना है कि उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज ये मामले राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। कार्यकर्ताओं के खिलाफ ये मामले सपा और बसपा के शासनकाल में दर्ज हुए। समझा जाता है कि विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेकर भाजपा उन्हें खुश करना चाहती है ताकि वे चुनाव में पूरे मन से जुट सकें। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भगवा पार्टी अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। विधानसभा की 403 सीटों वाले इस राज्य के चुनाव नतीजे भाजपा के लिए काफी मायने रखते हैं। 

पहले भी दर्ज केस हो चुके हैं वापस
इसके पहले मार्च में एक स्थानीय अदालत ने सरकार को राज्य के मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम, पूर्व सांसद भार्तेंदु सिंह, वीएचपी लीडर साध्वी प्राची सहित भाजपा के 12 नेताओं पर दर्ज मामलों को वापस लेने की इजाजत दी। इन सभी पर 2013 के मुजफ्फरपुर दंगा मामले में केस दर्ज था। मुजफ्फरपुर एवं आसपास के इलाकों में हुए दंगों में कम से कम 62 लोगों की जान चली गई और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। 

विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा
लोकसभा चुनाव 2014 के बाद से उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 325 सीटें मिलीं। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने इसी प्रदर्शन को दोहराना चाह रही है।      

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