नई दिल्ली। प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के जरिए 54 फीसदी प्रशिक्षुओं का प्लेसमेंट हुआ है। इसके तहत 80 फीसदी प्रशिक्षुओं को वेतन आधारित नौकरी मिली है। जबकि 18 फीसदी ने प्रशिक्षण के बाद खुद का कारोबार शुरू किया है। जबकि 2 फीसदी लोग अप्रेंटिसशिप से जुड़े हैं। प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना 2015 में शुरू की गई थी। और इस समय उसका तीसरा चरण चल रहा है।
इन सेक्टर में बने मौके
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत सबसे ज्यादा प्लेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर सेक्टर, अपैरल सेक्टर, रिटेल सेक्टर,टेलीकॉम, ब्यूटी एंड वेलनेस और लॉजिस्टिक सेक्टर में हुए है। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन, बीएफएसआई, एग्रीकल्चर सेक्टर में भी योजना के जरिए प्लेसमेंट हुए हैं। अगर लिंग के आधार पर पर देखा जाय तो 52 फीसदी पुरूष और 48 फीसदी महिलाओं का प्लेसमेंट योजना के जरिए हुआ है।
अब तक एक करोड़ युवा हुए सर्टिफाइड
पीएमकेवीवाई (PMKVY)योजना के तहत अब तक (22 अक्टूबर दोपहर तक के आंकड़े) 1.05 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों को सर्टिफाइड किया जा चुका है। जबकि इस दौरान 1.38 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें 88273 लोगों का प्रशिक्षण अभी चल रहा है। योजना के तहत शार्ट टर्म ट्रेनिंग लेने वाले उम्मीदवारों का आंकड़ा देखा जाय तो अब तक 51.47 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को सर्टिफाइड किया जा चुका है। जबकि 73 हजार से ज्यादा की अभी ट्रेनिंग जारी है।
क्या है प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इसके तहत 10वीं, 12वीं कक्षा के ड्राप आउट युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। पीएमकेवीवाई में युवाओं को ट्रेनिंग फीस का भुगतान सरकार करती है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में रजिस्ट्रेशन http://pmkvyofficial.org पर जाकर कराया जा सकता है। आवेदक जिस क्षेत्र में ट्रेनिंग लेना चाहता है, उसे रजिस्ट्रेशन के विकल्प देना होता होता है। उसके बाद स्किल सेंटर का चयन कर आगे की प्रक्रिया पूरी होती है।