चेन्नई : कोरोना वायरस लॉकडाउन में इंसानों को ही परेशानी नहीं हुई जानवरों को भी उतनी ही परेशानी हुई। खाने पीने से लेकर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से हर किसी को बराबर जूझना पड़ा। हालांकि ऐसे में कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जो इन जानवरों की मदद के लिए आगे आए और इंसानियत की सही पहचान देकर मिसाल कायम की।
चेन्नई से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। लॉकडाउन के समय में एक महिला ने जो काम किया है उसके लिए हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। दरअसल इस महिला ने लॉकडाउन के इस दौर में खुद तो एक टाइम खाना खाया लेकिन मोहल्ले के 13 कुत्ते भूखे ना रहे इसके लिए अपना खाना बचा कर उनका पेट भरा।
चेन्नई के मलापुर के लाला थोट्टम कॉलोनी में रहने वाली इस महिला को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि 4-5 महीने के लॉकडाउन में उसने अपना पेट नहीं भरा लेकिन कुत्तों को खाना खिलाया। दूसरों के घरों में खाना बनाने वाली मीना नाम की ये महिला 21 सालों से दो कमरों के एक मकान में रह रही है उसके साथ ही ये बाकी 13 कुत्ते भी रहते हैं।
मीना जानती थी कि लॉकडाउन लगने के बाद खाने की कमी हो सकती है राशन कम पड़ सकते हैं इसके लिए उसने अपनी सैलरी बचाकर घर के लिए राशन और कुत्तों के लिए खाना इकट्ठा कर लिया था। कुछ लोगों ने मेरे काम के मुझे एडवांस पैसे दिए उन्हें पता था कि मेरे पास 13 कुत्तों की भी जिम्मेदारी है। इस पैसे से मुझे काफी मदद मिली।
वो बताती है कि कुत्तों की देखभाल से मुझे भगवान के पास होने का एहसास होता है। 39 वर्ष की मीना ने अब तक शादी नहीं की है क्योंकि शादी करने से उसके और उसके कुत्तों के बीच कोई तीसरा आ जाए ये उसे पसंद नहीं है। यही चीज उसे दूसरे डॉग केयरटेकर्स से अलग बनाती है। वह सुबह के समय दूसरों के घरों में खाना बनाने का काम करती है और उस सैलरी से अपने कुत्तों की देखभाल करती है।