नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर मेट्रो का उद्घाटन कर दिया है। मेट्रो कनेक्टिविटी से जुड़ने वाला कानपुर प्रदेश का 5 वां शहर बन गया है। इसके पहले प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा ऐसे जिले बन चुके हैं, जहां पर मेट्रो सुविधा है। इस तरह उत्तर प्रदेश देश का पहला प्रदेश बन गया है, जहां के 5 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी है।
मेट्रो कनेक्टिविटी के साथ ही प्रदेश में आधुनिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में कई ऐसे प्रोजेक्ट बने या बनाए जा रहे हैं। जो अभी देश के दूसरे प्रदेशों में इतने बड़े पैमाने पर फिलहाल नहीं बने हैं। इसके तहत रैपिड रेल प्रोजेक्ट, एक्सप्रेस-वे का जाल और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे नए ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं।
5 शहरों में मेट्रो कनेक्टिवटी
कानपुर में 11000 करोड़ रुपये की लागत कुल 32 किलोमीटर लंबा मेट्रो प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इसमें से 9 किलोमीटर के बने पहले चरण के मेट्रो प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है। कानपुर के साथ ही उत्तर प्रदेश के अब 5 शहर मेट्रो कनेक्टिविटी से जुड़ गए हैं। इसमें लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और कानपुर शामिल हैं। इसके अलावा आगरा में 2024 तक मेट्रो की शुरूआत हो सकती है। साथ ही सरकार का बनारस, प्रयागराज और गोरखपुर में भी मेट्रो चलाने का प्लान है।
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देश का पहला रैपिड रेल प्रोजेक्ट
इसी तरह उत्तर प्रदेश में देश का पहला रैपिड रेल प्रोजेक्ट का निर्माण भी चल रहा है। जो कि मेरठ से दिल्ली को कनेक्ट करेगा। यह करीब 80 किलोमीटर लंबा होगा। और उसके 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा रैपिड रेल प्रोजेक्ट के तहत गाजियाबाद-हापुड़, दिल्ली-बड़ौत, दिल्ली-पलवल, दिल्ली-अलवर, दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर भी बनाने की तैयारी है।
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एक्सप्रेस-वे सबसे ज्यादा
इसी तरह उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे वाला राज्य भी है। इस समय प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार होकर ऑपरेशनल हैं। जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्स्प्रेस-वे और गंगा-एक्सप्रेव का निर्माण चल रहा है। ऐसी संभावना है कि ये निर्माणधीन एक्स्प्रेस-वे 2024 तक तैयार हो जाएंगे। जिनकी कुल लंबाई करीब 1500 किलोमीटर होगी। इसके अलावा प्रदेश में एक डिफेंस कॉरिडेर भी बनाया जा रहा है।