Pune News: पुणे की रहने वाली आराध्या जगताप की उम्र मात्र सात साल है। वह एक निजी स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा हैं और सामान्य बच्चों की तरह ही स्कूल में पढ़ाई करती हैं, लेकिन आराध्या को जो चीज दूसरों से अलग बनाती है, वह है इस बच्ची का दिमाग। आराध्या ने अपने इसी दिमाग के दम पर अब ऐसा कारनामा कर दिखाया कि, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। दरअसल, आराध्या ने बेस्ट मेमोरी में यह रिकॉर्ड बनाया है। उसके जैसे सर्वोत्तम स्मृति वाले 25 बच्चों को हाल ही में सम्मानित किया गया।
इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को बनाने के लिए आराध्या जगताप को 52 ताश के पत्ते दिए गए थे। इन ताश के पत्तों को एक बार देख कर पलट दिया गया था। उसके बाद बगैर देखे उन सभी पत्तों की पहचान करना था। आराध्या ने यह कारनामा 1 मिनट 9 सेकेंड में कर रिकॉर्ड बना दिया। इसके अलावा आराध्या ने एक मिनट में 180 बाइनरी कोड और 2.27 मिनट में 300 बाइनरी कोड पहचान कर उसके बारे में बता अनोखा विश्व रिकॉर्ड बनाया। आराध्या ने यह दोनों ही रिकॉर्ड अगस्त और सितंबर माह में बनाएं थे। हालांकि इसकी घोषणा अब की गई।
इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा के साथ वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड स्विट्जरलैंड की अध्यक्ष पूनम जेझलर और रिकॉर्ड के मुख्य विल्हेम जेझलर ने आराध्या को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस दौरान देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भी मौजूद रही और आराध्या को अवार्ड देकर सम्मानित किया। परिजनों के अनुसार, आराध्या बचपन से ही काफी तेज है। आराध्या का मन पढ़ाई में भी खूब लगता है और ज्यादातर समय गणित के प्रश्नों को हल करने में व्यतीत करती है। यह बच्ची बड़ी होकर साइंटिस्ट बनना चाहती है। आराध्या को चित्रकला, नृत्य, मेडिटेशन, बैडमिंटन, साइकिल चलाना पसंद है।