Government Plan In Ranchi : कांटाटोली फ्लाईओवर के निर्माण की उम्मीद पुनः जागी है। अहमदाबाद की कंपनी डीआरए इंफ्रास्ट्रक्चर के कर्मियों ने परियोजना के सिलसिले में शांति नगर से लेकर योगदा सत्संग आश्रम तक सर्वे किया है। डीआरए कर्मियों के अनुसार, परियोजना के एक बार शुरू होने के बाद पूरा करने में देरी नहीं की जाएगी। हालांकि इसके लिए जुडको को जमीन खाली करवानी होगी।
जुडको ने कंपनी से कहा है कि, निर्माण कार्य शांति नगर वाले छोड़ से शुरू करे। आगे की समस्या शीघ्र सुलझा ली जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए 1.43 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होणा है। बता दें कि, फ्लाईओवर बनाने की यह योजना 2016 में बनी थी, लेकिन दुकानदारों के विस्थापन के मामले के कारण जमीन अधिग्रहण ठीक से नहीं हो पाया। निर्माण कार्य का लगातार विरोध होता रहा।
लगभग 224 करोड़ की है परियोजना
जुडको के अनुसार, दुकानदारों के विरोध को देखते हुए उन्हें फ्लाईओवर के नीचे दुकान आवंटित करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही मुआवजा भी दिया जाएगा। फिलहाल 250 दुकानदारों को चिह्नित किया गया है। लगभग 224 करोड़ की राशि से बनाये जा रहे कांटाटोली फ्लाईओवर को 2024 तक पूरा करना है। हालांकि शुरू में निर्धारित लक्ष्य जून 2020 था। कोकर के शांति नगर से योगदा सत्संग आश्रम तक निर्माण किया जाना है। परियोजना की कुल लंबाई 2,400 मीटर है।
ये है एलिवेटेड रोड परियोजना
शुरुआत में यह केवल 1,250 मीटर लंबी थी, जिसे सीएम हेमंत सोरेन ने बढ़ाकर 2250 मीटर कर दी गई। एलिवेटेड रोड परियोजना की लंबाई बढ़ाने का उद्देश्य व्यस्त कांटाटोली जंक्शन पर यातायात की आवाजाही को आसान बनाना है, जो शहर को प्रमुख इंटरसिटी राजमार्गों से जोड़ता है। फ्लाईओवर के लिए शुरुआत में 40 करोड़ की डीपीआर बनी थी। प्रोजेक्ट में देरी के कारण कुछ साल में राशि 84 करोड़ रुपए और फिर 187 करोड़ रुपए तक पहुंची। ससमय निर्माण नहीं होने के कारण अब यह बढ़कर 224 करोड़ रुपए हो गई है।
पांच वर्ष पहले बनी योजना
फ्लाईओवर निर्माण के लिए 2017 में कार्य आवंटन हुआ। मगर, भू-अर्जन नहीं होने के कारण निर्माण शुरू नहीं हो सका। भू-अर्जन और क्लियरेंस के बाद साल 2018 में काम शुरू हुआ। जून 2020 तक पूरी हो जाने वाली परियोजना में अब तक केवल 132 पाइल, दो पाइल कैप और एक पिलर की ही कास्टिंग हो सकी है। कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने के लिए चार कंपनियों ने रुचि दिखायी थी। इनमें हैदराबाद की नागार्जुना कंस्ट्रक्शन, हरियाणा की गावर कंस्ट्रक्शन, अहमदाबाद की डीआरए इंफ्रास्ट्रक्चर व नागपुर की एसएमएस लिमिटेड शामिल थे।