रांची में अब कोई अस्पताल, नर्सिंग होम या टेस्ट लैब बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं चल सकेगा। इन पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग खाका बना चुका है। इन संस्थानों को जल्द अपना रजिस्ट्रेशन करवाना है, नहीं तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें, क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत जिन अस्तपालों, नर्सिंग होम या जांच घर का रजिस्ट्रेशन फेल है, उन पर ही गाज गिरेगी। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार का कहना है इन सभी संस्थानों को क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।
सिविल सर्जन डॉ. विनोद ने बताया कि अस्पताल, नर्सिंग होम और जांच घर संचालकों के पास रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 मई तक का समय है। जिन संचालकों ने रजिस्ट्रेशन के लिए अब तक आवेदन भी नहीं किया है, उनपर हर दिन 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। जो लोग रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएंगे, उन पर क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एक्ट के मुताबिक रजिस्ट्रेशन बिना एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नेचुरोपैथी एवं योगा चिकित्सा पद्धति से संबंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक एवं लेबोरेट्री आदि नहीं संचालित की जा सकती है। ऐसा करने वाले के खिलाफ एक्ट की धारा 41 (1) के तहत जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की राशि पांच लाख रुपए तक हो सकती है।
सिविल सर्जन डॉ. विनोद ने बताया कि, बिना रजिस्ट्रेशन पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर दो लाख रुपए जुर्माना और तीसरी बार पकड़े जाने पर पांच लाख रुपए तक जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके अलावा सजा भी हो सकती है। यानी जुर्माना और कारावास दोनों हो सकता है। सिविल सर्जन ने चेतावनी दी है कि सभी संचालक इसे गंभीरता से लें और जल्द से जल्द अपने संस्थान का रजिस्ट्रेशन करवाएं। जिनका रजिस्ट्रेशन फेल हो चुका है, वो रिन्युअल करा लें।