Ranchi RIMS: अब रिम्स में मरीजों का इलाज फर्श पर नहीं होगा। इलाज कराने आए लोगों को बेड मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने रूपरेखा तैयार कर ली है। निर्णय के अनुसार वार्ड के मरीज को दूसरे वार्ड में भर्ती किया जाएगा, जहां बेड खाली होगा।
वार्ड में प्रतिनियुक्त डॉक्टर को उस बेड पर जाकर मरीज का इलाज करना होगा। इसके अलावा मरीज को बेड पर ही दवा उपलब्ध कराए जाने का निर्देश जारी किया गया है। इसको लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह ने रिम्स में बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
सचिव के निरीक्षण में खाली मिले बेड
स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एक-एक कर सभी विभागों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कई वार्ड में बेड खाली दिखे। इस पर उन्होंने कहा कि इन बेड का इस्तेमाल मरीजों के इलाज के लिए किया जाना चाहिए था, जो फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं।
16 विभागाध्यक्षों ने दिया कार्यों एवं समस्याओं का ब्यौरा
निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव ने एक बैठक की। इसमें 16 विभागों के अध्यक्ष ने अपने कार्यों एवं समस्याओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया। ज्यादातर विभागाध्यक्ष ने डॉक्टर, स्टाफ नर्स की कमी का मुद्दा उठाया। विभागों में सर्जरी विभाग, न्यूरो सर्जरी, आंकोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी, एनेस्थेसिया, मेडिसिन, ऑर्थो आदि थे।
ब्यौरा भरते वक्त देनी होगी अपनी जानकारी
रिम्स में आयुष्मान भारत के नोडल पदाधिकारी भूवनेश प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक आयुष्मान भारत में 14 करोड़ का क्लेम दिया जा चुका है। इससे संबंधित डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को मरीज का ब्यौरा भरत समय ही पोर्टल में अपनी-अपनी जानकारी उपलब्ध करवानी पड़ेगी। बताया कि मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम पोर्टल में अपलोड करना अनिवार्य है। ताकि उनका क्लेम बनाया जा सके। यह भी बताया कि मरीज का भी पूरा विवरण बिल्कुल सही होना चाहिए। आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड में अंकित जानकारी मरीज के फॉर्म में भरी गई जानकारी से बिल्कुल समान होनी चाहिए।