रांची का सदर अस्पताल नित नए-नए प्रयोग कर रहा है। इसका परिणाम आने वाले समय में सकारात्मक ही नजर आ रहा है। अस्पताल में पीडियाट्रिक और यूरोलॉजी सर्जरी का काम शुरू हो चुका है। इसके साथ-साथ ओपीडी का भी उद्घाटन किया गया है। इस ओपीडी में निजी डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे। अस्पताल में निजी डॉक्टरों के ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक निर्धारित किया गया है।
अस्पताल की इस कवायद का सीधा लाभ गरीब तबके से आने वाले मरीजों को मिलेगा। अस्पताल में इलाज करवाने से उनके धन और समय दोनों की बचत होगी। एक तरह से रांची का सदर अस्पताल गरीबों के लिए वरदान से कम नहीं है।
ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को चिकित्सीय सलाह देने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी करेंगे। इस पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यूनिट और स्टॉफ भी तैयार है। रिम्स के बाद ऐसी सेवा सदर अस्पताल में भी मिल रही है। सर्जरी के लिए मशीन भी अस्पताल को मिल गई है। उसके बाद यूरोलॉजी और लेप्रोस्कॉपी सर्जरी शुरु हो जाएगी। एनिसथिसिया सेटअप भी पूरी तरह तैयार है।
इलाज के नाम पर गरीब तबका लाचार और परेशान हो जाता है। उचित इलाज समय पर न हो पाने से असमय मौत भी हो जाती है। लंबे इंतजार के बाद सदर अस्पताल में मिलने वाली सुविधा गरीबों के लिए वरदान साबित होगा। सदर अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जरी शुरु हो जाने से लोगों को बहुत राहत मिलेगी। पीडियाट्रिक सर्जरी की सुविधा नहीं होने के कारण किसी निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से भी गरीब मरीजों को लाखों का बिल निजी अस्पतालों में चुकान होता है। ऐसे में सदर में शुरु हो जाने से लोगों को बहुत राहत मिलेगी। सदर अस्पताल में अब उचित और सुविधायुक्त इलाज मिलेगा।
रांची के सदर अस्पताल में जो डाक्टर यूरोलॉजी में बैठेंगे उनमें डा. प्रशांत, डा. पंकज मिश्रा और डाक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव शामिल है। यह तीनों फिलहाल निजी अस्पताल मेडिका, आर्किड और पारस से हैं। दूसरी ओर पीडियाट्रिक में रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डाक्टर जैनेंद्र व डाक्टर इमरान बैठेंगे। यह सभी सप्ताह में ओपीडी व सर्जरी में 3-3 दिन समय देंगे। इसके लिए अस्पताल ने पूरी तैयारी कर ली है।