Taimara Valley Mystery: इस दुनिया में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो काफी हैरान और परेशान कर देने वाली होती हैं। इनमें से कुछ चीजें काफी रहस्यमई हैं, जिनके बारे में चर्चाएं तो बहुत हैं लेकिन सच्चाई क्या है, यह न तो आज तक कोई वैज्ञानिक पता लगा पाया और न ही कोई मशीन। ऐसा ही कुछ भारत के झारखंड के एक हिस्से में है। जिसे आप भारत का 'बरमूडा ट्रायंगल' भी कह सकते हैं।
जी हां वहीं 'बरमूडा ट्रायंगल' जो आज तक सभी के लिए रहस्य है। ऐसा ही कुछ रांची से जमशेदपुर जाने वाले मार्ग पर भी एक रहस्य है। इस रास्ते में एक खास जगह है जिसका नाम तैमारा घाटी है। तैमारा घाटी पहुंचने के बाद लोगों के मोबाइल फोन का समय और साल बदल जाता है। यह साल और समय डेढ़-दो साल आगे बढ़ जाता है।
इसको लेकर रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के लेक्चरर डॉ नितिश प्रियदर्शी ने बताया कि बीते कई महीनों से तैमारा घाटी के पास इस तरह की घटना से जुड़े कई कॉल आ चुके हैं। हाल ही में बच्चों का एक ग्रुप स्कूल से उस जगह पर गया हुआ था। मोबाइल फोन में उनका भी समय और साल बादल गया था। डॉ प्रियदर्शी के मुताबिक रांची से पास और तैमारा घाटी के पहले एक नामकुम इलाका पड़ता है। इसके पास खोज के दौरान कुछ ऐसे पत्थर मिले हैं, जिससे पता चलता है कि इलाके में मैग्नेटिक चट्टान वाले पत्थर हैं। यह पत्थर वहां काफी मात्रा हैं।
डॉ नितिश प्रियदर्शी का मानना है कि तैमारा घाटी में भी इस तरह के पत्थर हो सकते हैं, जिसकी वजह से मोबाइल फोन का टाइम और साल बदल जाता है। डॉ प्रियदर्शी ने बताया है कि बरमूडा ट्रायंगल की तरह तैमारा घाटी में भी टाइम जोन बदलना एक रहस्यमई क्रिया है। इसकी कई सारी वजह हो सकती हैं। गौरतलब है कि तैमारा घाटी में सफर करने वाले और यहां रहने वाले लोगों ने महसूस किया है कि अक्सर उनके मोबाइल फोन में टाइम और साल बदल जाता है। डॉ प्रियदर्शी के मुताबिक टाइम जोन में लगभग डेढ़ साल का अंतर होता है।
इस साल जनवरी में उनके पास जिन लोगों ने इस घटना के बारे में बताया था उनके मोबाइल फोन में अगस्त 2023 का टाइम आ रहा था। वहीं अब बीते एक महीने से फोन में जनवरी 2024 का समय आने लगा है। डॉ. प्रियदर्शी ने यह भी बताया है कि तैमारा घाटी में जहां यह घटना होती हैं, वहीं स्ट्रीट लाइट हिलने लगती है। यहां यह भी महसूस किया गया है कि जैसे कोई गुजरने वाले वाहनों को पीछे से खींच रहा हो। ऐसे में कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं।