Career in Insurance Industry: देश-दुनिया में फैलती बीमारियों और आशंकों के बीच इंश्योरेंस इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ कर रही है। इस इंडस्ट्री ने पिछले कुछ सालों से काफी तेजी से विस्तार किया है। जिसके चलते ही इस फील्ड में रोजगार के नए-नए अवसर पैदा हो रहे हैं। यहां सबसे ज्यादा जरूरत एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की बनी हुई है। आज के समय में इंश्योंरेस सेक्टर को करियर बनाने के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है। बीमा कंपनियों के पास आज लगभग हर परिस्थिति से निपटने और नुकसान की भरपाई के लिए जीवन बीमा, वाहन बीमा, स्वस्थ्य बीमा, यात्रा बीमा तथा गृह बीमा जैसी पॉलिसी मौजूद है।
एजुकेशन
युवा इस सेक्टर में 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद कोर्स कर सकते हैं। छात्र एक्चुरियल साइंस से संबंधित कोर्सेस में स्नातक डिग्री कर सकते हैं। वहीं मैथ्स-स्टेटिस्टिक्स, इकोनॉमेट्रिक्स सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन करने के बाद यहां पीजी डिप्लोमा, मास्टर्स डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है। स्टूडेंट्स चाहें तो, इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुरीज ऑफ इंडिया को मेंबर के तौर पर भी ज्वाइन कर सकते हैं। इस सेक्टर में मैथ्स या स्टेटिस्टिक्स की अच्छी जानकारी जरूरी है।
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इंश्योरेंस का कार्य क्षेत्र
इस फील्ड में बीमा से जुड़े जोखिम और पॉलिसी की गणना कर भविष्य की घटनाओं का वित्तीय आकलन किया जाता है। इसके लिए मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स के मेथड्स का इस्तेमाल होता है, जो इंश्योरेंस और फाइनेंस इंडस्ट्री में जोखिम का अनुमान लगाता है। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स यह अनुमान लगाते हैं कि किसी पॉलिसी होल्डर को प्रीमियम के तौर पर कितनी राशि का भुगतान करना होगा और या फिर किसी कंपनी को कितना खर्च करना होगा। ये प्रोफेशनल अचानक से होने वाले किसी घटनाक्रम के आर्थिक प्रभाव का भी लेखाजोखा करते हैं। ये एक तरह से इंश्योरेंस इंडस्ट्री के बैकबोन होते हैं। यहां पर ये अपनी योग्यता के आधार पर आप डेवलपमेंट ऑफिसर, इंश्योरेंस एजेंट, एक्चुरी मैनेजर, इंश्योरेंस सर्वेयर, रिस्क मैनेजर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर एंड असिस्टेंट जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।
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जॉब्स व मौके
एक्चुरियल साइंस में डिग्री हासिल करने के बाद करियर बनाने के कई रास्ते मिल जाते हैं। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स इंश्योरेंस, बैंकिंग, आईटी सेक्टर, मल्टीनेशनल कंपनियों, बीपीओ- केपीओ, फाइनेंशियल कंपनियों में शानदार सैलरी पर जॉब हासिल कर सकते हैं। वहीं बीपीओ कंपनियां भी अपने सेक्टर के जोखिम के आकलन के लिए बड़े पैमाने पर एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की हायरिंग करती हैं। इन एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की डिमांड सरकारी और प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों में ही नहीं, बल्कि इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी, टैरिफ एडवाइजरी कमिटी, सोशल सिक्योरिटी स्कीम, फाइनेंशियल एनालिसिस जैसी फर्म में भी रहती है।
सैलेरी
एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की शुरुआती सैलरी भी काफी अच्छी मानी जाती है। ये प्रोफेशनल्स किसी कंपनी के साथ जुड़कर फ्रेशर के तौर पर भी प्रतिमाह 40 से 60 हजार रुपये तक आसानी से पा सकते हैं। वहीं अनुभव के बाद किसी उच्च पद पर पहुंचने पर ये प्रतिमाह लाखों की सैलरी हासिल कर सकते हैं। वहीं यदि किसी टॉप कॉलेज से एमबीए इन इंश्योरेंस किया है तो अपनी फर्स्ट जॉब में ही ये लाखों की सैलरी पा सकते हैं।