Rural Management: ग्रामीण क्षेत्र में बनाना चाहते हैं करियर तो करें रूरल मैनेजमेंट में कोर्स, मिलेगी शानदार जॉब

Job In Rural Management: रूरल मैनेजमेंट कोर्सेज की सबसे खास बात यह है कि इन्‍हें इस तरह से बनाया गया है कि पढ़ाई गई चीजों को ट्रेनिंग, सर्वे, केस स्टडी और ग्रामीण लोगों से पारस्परिक व्यवहार द्वारा वास्तविक जीवन में लागू किया जा सके। कोर्स पूरा करने के बाद युवाओं के पास करियर बनाने के कई ऑप्‍शन होते हैं।

Job In Rural Management
रूरल मैनेजमेंट में कोर्स और करियर ऑप्‍शन   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • रूरल मैनेजमेंट में डिप्‍लोमा व डिग्री कोर्सेज 12वीं के बाद उपलब्‍ध
  • कोर्स के दौरान दी जाती है ट्रेनिंग, सर्वे, केस स्टडी के साथ पूरी जानकारी
  • कोर्स पूरा कर छात्र प्राइवे व सरकारी संस्‍थाओं में हासिल कर सकते हैं जॉब

Job In Rural Management: देश की जीडीपी में एग्रीकचर की हिस्‍सेदारी जहां लगभग 55 फीसदी है। वहीं करीब 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। आजादी के बाद शुरुआती दौर में ग्रामीण भारत में विकास की रफ्तार बेहद कम रही, जिससे इन जगहों पर आर्थिक विकास प्रभावित हुआ, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक दशक में 75 प्रतिशत नई फैक्ट्रियां ग्रामीण क्षेत्रों में खोली गई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यहां मौजूद वर्कफोर्स है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को रफ्तार देने में सबसे बड़ा रोल रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स निभा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के उत्‍थान के लिए केंद्र सरकार ने रूलर मैनेजमेंट कोर्स शुरू किया है। इसमें छात्रों को मुख्यत:  ग्रामीण विकास, आयोजन, निर्देशन, वित्तीय संस्थाओं, सहकारी कृषि व्यवसाय और संबद्ध क्षेत्रों के नियंत्रण की जानकारी दी जाती है। इसके ज्यादातर कोर्सेज को इस तरह से डेवलप किया गया है, जिससे छात्र आसानी से वास्तविक जीवन में लागू कर सकें।

इस क्षेत्र में कोर्सेज व स्किल

रूरल मैनेजमेंट का कोर्स लगभग सभी सरकारी कॉलेज व यूनिवर्सिटी में उपलब्‍ध है। 12वीं के बाद छात्र पसंद के अनुसार डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं। इसके बाद इसमें मुख्‍य कोर्स के तौर पर मास्टर ऑफ रूरल मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट, एमबी इन रूरल मैनजमेंट और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल मार्केटिंग लोकप्रिय हैं। इन कोर्स को करने के लिए कई स्क्लि का होना भी जरूरी है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने की इच्छा और समझ होनी चाहिए। जैसे बातचीत की कला, स्थानीय रीति-रिवाजों के प्रति संवेदनशीलता आदि।

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जॉब ऑप्‍शन

यहां पर छात्रों को करियर के अनेक अवसर मिलेंगे। इस क्षेत्र सरकारी और गैरसरकारी दोनों ही संस्थाओं में नीति निर्माता, विश्लेषक, मैनेजर, शोधकर्ता, सलाहकार आदि के रूप में कार्य करने का मौका होता है। ये ग्रामीण क्षेत्र में मुख्‍य रूप से विकास की योजनाओं, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा, मानव संसाधन, मार्केटिंग, सामान्य प्रबंधन, प्रोजेक्ट इ्प्लिलमेंटेशन जैसे कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले बैंक भी इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को बतौर प्रबंधक नियुक्त करते हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय व राष्‍ट्रीय एनजीओ के साथ मिलकर भी गांव में काम करने का मौका मिलता है। कई स्वयंसेवी संगठन भी अपने यहां ग्रामीण प्रबंधक के रूप में ऐसे लोगों की नियुक्ति करते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो अपना एनजीओ भी खोल सकते हैं।

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अनुमानित पैकेज

कोर्स पूरा करने के बाद युवा ग्रामीण परावेश में रहते हुए भी किसी निजी कंपनी या संस्‍था के साथ जुड़कर शुरुआती सालाना पैकेज चार से पांच लाख रुपये हासिल कर सकता है। वहीं अगर आपने शीर्ष संस्थानों से कोर्स किया है तो यह सैलरी आठ से 10 लाख रुपये तक भी हो सकती है। वहीं सरकारी संस्‍थानों व विभागों की सैलरी पे स्‍केल के अनुसार होती है।

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