Yoga Certificate Course: आज के समय में स्वास्थ्य का ख्याल रखना सभी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। सिटिंग जॉब और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में गलत खानपान के कारण लोगों में तरह-तरह की बीमारियां घर करती जा रही है। ऐसे में योग लोगों को स्वस्थ रहने का बड़ा सहारा दे रहा है। भारत की संस्कृति योग से जुड़ी है। अब योग ने देश के साथ विदेश तक में अपनी पहचान बना ली है। भारत की पहल पर वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाया जाता है। जिसके कारण इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। अगर आप भी योग में करियर बनाना चाहते हैं तो कुछ कोर्स कर आप सर्टिफाइड योग टीचर बन सकते हैं।
योग टीचर बनने के लिए इस समय कई यूनिवर्सिटी व कॉलेज द्वारा विभिन्न कोर्स का संचालन किया जाता है। छात्र ऐसे ही किसी संस्थान में प्रवेश लेकर योग में ग्रेजुएशन, पीजी व बीपीएड कोर्स कर सकते है। ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए 50 फीसदी अंक के साथ 12वीं पास करना अनिवार्य है।
योग में छात्र डिग्री व डिप्लोमा के अलावा शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं। यह कोर्स किसी भी उम्र में किया जा सकता है। यह कोर्स घंटे के हिसाब से पेश किए जाते हैं। इसमें मुख्यत: 200 घंटे से लेकर 500 घंटे तक का कोर्स होता हैं, यह टीचर ट्रेनिंग के लिए कराए जाते हैं।
योग में डिप्लोमा कोर्स भी उपब्ध है। यह भी एक शॉर्ट टर्म कोर्स है, छात्र इसे 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स में छात्रों को प्राकृतिक चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ जैसे विषयों के बारे में सिखाया जाता है।
अगर कोई छात्र योग टीचर के तौर पर करियर बनाना चाहते हैं, तो वो 12वीं के बाद ग्रेजुएशन कोर्स के तौर पर बीएससी योग कर सकता है। इस 3 साल के डिप्लोमा कोर्स में छात्रों को योग विज्ञान, शरीर की रचना, योग के प्रभाव के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है। इसके बाद छात्र योग में एमएससी कर सकते हैं।
योग के क्षेत्र में बीए कोर्स एक एकेडमिक कोर्स की तरह होता है। छात्रों को इसमें आयुर्वेद की मूल बातों से लेकर योग के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। यह कोर्स 3 साल का होता है। इसके बाद छात्र अपनी पसंद के अनुसार एक साल का पीजी डिप्लोमा या फिर दो साल का एमए कोर्स कर सकते हैं।
टीचिंग लाइन में जाने वाले छात्रों के लिए ग्रेजुएशन के बाद योग में कोर्स करना भी अच्छा ऑप्शन होता है। इस कोर्स के लिए आपको एक अच्छा वक्ता भी होना बहुत जरुरी है। ताकि वह लोगो को अपनी बात अच्छी तरह से समझा सके।