Mechanical Engineering: प्रोडक्शन व निर्माण के किसी भी कार्य में इंजीनियर को बैकबोन माना जाता है। इनके बगैर कोई भी कार्य संभव नहीं हो पाता है। यही कारण है कि इस सेक्टर में हमेशा युवाओं की डिमांड बनी रहती है। इंजीनियरिंग में कई ऐसे विभाग होते हैं, जहां पर करियर बनाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग इत्यादि।
इन सभी ब्रांच के अलग-अलग कार्य व रोल होते हैं। इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग युवाओं के बीच खासी लोकप्रिय करियर बनता जा रहा है। कारोना के बाद से इसमें कई नए ट्रेड विकसित हुए हैं। आइए देखते हैं कि इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाया जा सकता है।
एजुकेशन व योग्यता
मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए छात्रों को मैथ्य व साइंस के साथ 12वीं करना होगा। इसके बाद छात्रों को इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जैसे जेईई आदि क्लीयर कर बेहतर कॉलेज में एडमिशन लेकर बीई या बीटेक की डिग्री लेनी होगी। कोर्स के दौरान छात्रों को हर उपकरण और मशीन को डिजाइन करने, विकसित करने और सुधार करने की जानकारी दी जाती है। ये आमतौर पर डिजाइनिंग, प्रोडक्शन, एनालिसिस और टेस्टिंग, इंस्टॉलेशन आदि में स्पेशलाइज्ड होते हैं। बेहतर मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए छात्रों को मैथ्स, फिजिक्स और अपलाईड इंजीनियरिंग जैसे विषयों की गहन जानकारी के साथ बेहतर स्किल्स होने चाहिए।
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मैकेनिकल इंजीनियर के कार्य
इंजीनियरिंग सेक्टर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच बेहद व्यापक है। यह किसी भी चीज के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंस्टॉलेशन, ऑपरेशन और मेंटेनेंस से संबंधित है। इस फील्ड में कोर्स के दौरान स्टूडेंट को ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक मोटर्स, एयरक्राफ्ट जैसे अन्य भारी वाहनों के डिजाइन के बारे में सिखाया जाता है।
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इसके अलावा मैकेनिकल इंजीनियर चिकित्सा उपकरणों, कंप्यूटर, बैटरी, एयर कंडीशनर, ऑटोमोबाइल इंजन से लेकर बिजली संयंत्रों तक सब कुछ डिजाइन करते हैं। कहने का मतलब ये इंजीनियर सभी तरह की मशीनों का डिजाइन करते हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग का कार्य क्षेत्र
मैकेनिकल इंजीनियरिंग का क्षेत्र किसी एक ट्रेड तक सीमित नहीं हैं। इसमें कई ऐसे ट्रेड हैं, जहां पर युवा अपना करियर बना सकते हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा करने के बाद छात्र एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग सर्विस, एनर्जी यूटिलिटी, गवर्नमेंट एजेंसी, इंडियन आर्म्ड फोर्स एंड मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, रेलवे इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल इंडस्ट्री, स्पोर्ट्स व एजुकेशन का फील्ड शामिल है।
इंजीनियरिंग के छात्रों को अक्सर कॉलेज द्वारा ही प्लेसमेंट दिया जाता है। यानी बड़ी कंपनियां आकर एक बेहतर पैकेज के साथ छात्रों को चुनकर ले जाती है। अगर छात्र ने किसी अच्छे कॉलेज से कोर्स किया है तो वह लाखों रुपये का पैकेज हासिल कर सकते हैं।