Nautical Scientist: समुद्र की लहरें हर किसी को अपनी तरफ लुभाती हैं। युवा इन लहरों पर अपना शानदार करियर बनाने का सपना भी देखते हैं। अगर आपको भी समुद्र की लहरें व गहराईयां पसंद है तो आप बीएससी नॉटिकल साइंस का कोर्स कर सकते हैं। डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल शिपिंग द्वारा मान्यता प्राप्त यह कोर्स मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के अंतर्गत आता है। नॉटिकल साइंस के इस कोर्स में छात्रों को समुद्री जहाज के संचालन और सुरक्षित रूप से नौपरिवहन की पूरी जानकारी दी जाती है।
नॉटिकल साइंस में जहाजों के जलमार्ग, शिप का नियंत्रण, नॉटिकल चार्ट्स के अध्ययन, बर्थिंग, कार्गो की लोडिंग और अनलोडिंग, डॉकिंग और डॉक संबंधी सभी गतिविधियों के लिए ट्रेंड किया जाता है।
कोर्स व योग्यता
इस कोर्स को करने के लिए सबसे जरूरी योग्यता 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और इंग्लिश के साथ कम से कम 60 प्रतिशत अंक से पास होना है। इस कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के द्वारा ही मिलता है। हालांकि कुछ कॉलेज में डायरेक्ट भी एडमिशन दिया जाता है। बीएससी के बाद छात्र इस कोर्स में एमएससी भी कर सकते हैं।
अच्छा नॉटिकल साइंटिस्ट बनने के लिए इस फील्ड और समुद्री जीवन में रुचि होना जरूरी है। इसके अलावा बेहतर एनालिटिक्स क्षमता और प्रॉब्लम सॉल्व करने की क्षमता होनी चाहिए। वहीं अच्छी ऑब्जर्वेशन स्किल्स रिसर्च से जुड़े इनपुट्स हासिल करने में मदद करते हैं।
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करियर स्कोप
बीएससी नॉटिकल कोर्स के बाद छात्र मरीन इंजीनियरिंग में जॉब कर सकते हैं। आज के समय में मरीन इंजीनियर और बीएससी नॉटिकल साइंस में एक्सपर्ट की डिमांड लगातार बढ़ रही है। छात्र कोर्स पूरा करने के बाद मर्चेन्ट नेवी और इंडियन नेवी के साथ जुड़कर अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
यहां पर इन्हें शुरुआत में मरीन इंजीनियर, ओसानोग्राफर, रेडियो ऑफिसर, नॉटिकल सर्वेयर के तौर पर कार्य करना होगा। अनुभव होने के बाद ये प्रमोट होकर कैप्टन, डेक कैडेट, चीफ अफसर, सेकंड ऑफिसर आदि पद हासिल कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर में छात्रों को मर्चेन्ट नेवी, जहाज निरीक्षण कंपनी, जहाज निर्माण कंपनी और सोसायटी में जॉब मिलती है।
सैलरी
इस फील्ड की सैलरी बेहद शानदार मानी जाती है। अगर आप प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं तो आपकी शुरुआती सालाना सैलरी ही 10 से 15 लाख रुपये हो सकती है। वहीं अगर आपने विदेशी कंपनी को ज्वाइन किया है तो आपकी सालाना सैलरी लाखों डॉलर में हो सकता है। वहीं इंडियन नेवी ज्वाइन करने के बाद सैलरी पे स्केल के हिसाब से मिलती है।