Top Highest Paying Jobs: एजुकेशन पूरी करने के बाद हर युवा शानदार सैलरी वाली अच्छी से अच्छी जॉब हासिल करने की कोशिश करता है। इसके लिए तैयारी तभी से शुरू हो जाती है, जब वे पहली बार स्कूल पहुंचते हैं। अच्छे स्कूल व कॉलजों में पढ़ाई करना हो या फिर कॉलेज में दाखिले के समय कोर्स का चुनाव करना, हर निर्णय के पीछे की सोच अच्छी सैलरी वाली जॉब हासिल करना ही होता है। हालांकि सभी युवाओं का यह सपना नहीं पूरा हो पाता। इसका सबसे बड़ा फैक्टर है सही समय पर सही कोर्स का चुनाव न करना। इसलिए, हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 10 ऐसे जॉब के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें वर्ष 2022 में हाईएस्ट पेइंग जॉब माना जा रहा है। इनमें मिलने वाली सैलरी पैकेज और अपने इंटरेस्ट को ध्यान में रखकर कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।
एआई आर्किटेक्ट
आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आर्किटेक्ट डिजाइनर की बेहद डिमांड है। ये कोडिंग जैसे टेक्निकल स्टैंडर्स को निर्धारित करते हैं। एआई आर्किटेक्ट को इंफॉर्मेशन, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आर्किटेक्ट निर्माण के लिए नवीनतम तकनीक की भी जानकारी होनी चाहिए। भारत में एक एआई आर्किटेक्ट को सालाना लगभग 50 से 60 लाख रुपये सैलरी मिलती है।
सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
एक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट का काम उच्च-स्तरीय डिजाइन विकल्प बनाना और कोडिंग जैसे तकनीकी मानकों को लागू करने का प्रयास करना है। ये अपने डिजाइन विकल्प से डेवलपमेंट प्रोसेस को आसान बनाते हैं। एक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट को सालाना 35 से 45 लाख रुपये तक की शानदार सैलरी मिलती है।
क्लाउड आर्किटेक्ट
क्लाउड आर्किटेक्ट कंपनी की क्लाउड कंप्यूटिंग स्ट्रेटजी का एनालिसिस करने के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें क्लाउड अपनाने की योजना और डिजाइन, क्लाउड प्रबंधन और निगरानी शामिल होती है। एक क्लाउड आर्किटेक्ट को सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है।
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ब्लॉकचेन इंजीनियर
ब्लॉकचेन इंजीनियर का कार्य ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके आर्किटेक्चर और समाधानों को डेवलप व इम्प्लीमेंट करना है। ये मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग फर्मों या डेटा सेवा फर्मों के लिए एक डिजिटल ब्लॉकचेन को लागू करते व बनाते हैं। भारत में एक ब्लॉकचेन इंजीनियर को सालाना करीब 15 से 20 लाख रुपये सैलरी मिल जाती है।
प्रोडक्ट मैनेजर
प्रोडक्ट मैनेजर का कार्य उत्पाद में कस्टमर की जरूरतों को पहचान कर उसे डेवलप करता है। प्रोडक्ट मैनेजर कंपनी के फिजिकल और डिजिटल दोनों तरह से प्रोडक्ट का बिजनेस आइडिया तैयार करने में मदद करता है। किसी भी प्रोडक्ट के लॉच से जुड़ी सभी जिम्मेदारी इनपर ही होती है। एक प्रोडक्ट मैनेजर को सालाना करीब 15 से 25 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है।
फुल-स्टैक डेवलपर
एक फुल-स्टैक डेवलपर फ्रंट-एंड और बैक-एंड डेवलपमेंट में काम करते हैं और प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट से डेवलपमेंट के सभी स्टेज को भी तय करते हैं। इन्हें ब्राउजर, सर्वर और डेटाबेस को प्रोग्राम करना होता है। भारत में एक पूर्ण स्टैक डेवलपर का औसत वार्षिक सैलरी 10 से 15 लाख होती है।
डेटा साइंटिस्ट
डेटा साइंटिस्ट मुख्य रूप से थर्ड को खोजने और डाटा को मैनेज करने के लिए अपने स्किल का उपयोग करते हैं। ये कंप्यूटर साइंस, सांख्यिकी, गणित को जोड़ते हैं और परिणामों की व्याख्या करने के लिए मॉडल डेटा तैयार करनते हैं। एक डेटा साइंटिस्ट को सालाना 10 से 15 लाख रुपये की सैलरी मिल जाती है।
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डेवऑप्स इंजीनियर
डेवऑप्स इंजीनियर का कार्य कोडिंग और क्लासीफाइंग से लेकर रखरखाव और अपडेटिंग करना है। ये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के पूरे लाइफ में जरूरतों को बैलेंस करने के लिए एक प्लान डेवलप करते हैं। ये मुख्य रूप से किसी एप्लिकेशन को जल्दी से बदलने के लिए होने वाली जरूरतों को पूरा करते हैं। एक डेवऑप्स इंजीनियर सालाना 10 से 15 लाख रुपये प्रति वर्ष की सैलरी हासिल कर सकता है।
सिस्टम एनालिस्ट
सिस्टम एनालिस्ट को बिजनेस टेक्नोलॉजी एनालिस्ट भी कहा जाता है। ये इनफार्मेशन सिस्टम के एनालिस्ट, डिजाइन और इम्प्लीमेंट में माहिर होते हैं। एक सिस्टम एनालिस्ट को विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम, हार्डवेयर कॉन्फिगरेशन, प्रोग्रामिंग भाषाओं और सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर प्लेटफॉर्म के बारे में जानकाी होती है। भारत में एक सिस्टम एनालिस्ट को भी सालाना करीब 10 से 15 लाख की सैलरी मिल जाती है।
एलओटी सॉल्यूशन आर्किटेक्ट
एलओटी सॉल्यूशन आर्किटेक्ट इंटरनेट के प्रैक्टिकल यूज के लिए एप्लिकेशन को डेवलप करते हैं। ये आमतौर पर डेवलपमेंट का रास्ता साफ करने के लिए इंजीनियरों और सेल्सपर्सन के मिलकर वर्क करना पड़ता है। इन्हें सालाना करीब 10 से 12 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है।