Commerce Without Maths Courses: सीबीएसई बोर्ड के 12वीं का रिजल्ट आ गया है। अब छात्र कॉलेज में दाखिला के लिए कोर्स के चुनाव में जुट जाएंगे। जिन छात्रों ने कॉमर्स से 12वीं की है, उनमें से ज्यादातर सीए, बीकॉम या फिर अकाउंट्स और फाइनेंस से संबंधित कोर्स का चुनाव करेंगे। हालांकि कॉमर्स के फील्ड में सिर्फ सही करियर के लिए बेस्ट ऑप्शन नहीं हैं। यहां पर छात्रों के लिए कई बेहतर विकल्प मौजूद हैं। अगर आप इन कोर्स से हट कर कुछ अलग करना चाहते हैं। तो यहां पर आपको 6 ऐसे कोर्स की जानकारी मिलेगी। जिसे पूरा कर आप शानदार करियर बना सकते हैं।
बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन:
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में जाने के लिए छात्र बीबीए कोर्स कर सकते हैं। इस तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्स को कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्र काफी पसंद करते हैं। इसमें छात्रों को बिजनेस से संबंधी सभी जानकारी दी जाती है। कोर्स के दौरान छात्रों को शुरू से ही कॉर्पोरेट ऑपरेशन संबंधी सब कुछ सीखने को मिलता है।
कंपनी सेक्रेटरी:
कॉमर्स स्ट्रीम से जुड़ा यह कोर्स भी एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ा हुआ है। यह कोर्स इंस्टिट्यूट कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया द्वारा कराया जाता है। कॉमर्स बैकग्राउंड के कई स्टूडेंट्स इसे चुनना पसंद करते हैं, लेकिन इसमें भी सीए की तरह काफी मुश्किल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किए जाते हैं।
बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स:
इस 3 साल के डिग्री कोर्स में छात्रों को इकोनॉमिक्स फाइनेंस और एनालिटिकल मेथड्स के बारे में पढ़ाया जाता है। जिन छात्रों का रूझान इकोनॉमिक्स की तरफ होता है वे बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स कोर्स कर सकते हैं। इसमें माइक्रो-इकोनॉमिक्स और मैक्रो-इकोनॉमिक्स को डीप में पढ़ाया जाता है।
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बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज:
जो छात्र मैनेजमेंट के क्षेत्र में जाना चाहते हैं वे बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज कोर्स कर सकते हैं। इसमें छात्रों को मैनेजिंग स्किल्स और लीडरशिप के बारे में अच्छी तरह पढ़ाया जाता है। इस कोर्स में छात्रों को ह्यूमन रिसोर्स, रिसर्च मेथड के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर:
जो छात्र फाइनेंशियल क्षेत्र में जाना चाहता हैं वो सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर का कोर्स कर सकते हैं। इसमें छात्रों को पर्सनल फाइनेंस, इंश्योरेंस प्लानिंग, वेल्थ मैनेजमेंट जैसे सब्जेक्ट की जानकारी दी जाती है। इसे सीएफपी भी कहते हैं, इसमें फाइनेंस से जुड़ी डीपली जानकारी दी जाती है।
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट:
अगर किसी छात्र को मैनेजमेंट अकाउंटिंग, कमर्शियल फंडामेंटल और इंडस्ट्रियल लॉ के बारे में पढ़ना है, तो वह कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट का कोर्स कर सकता है। इसमें छात्रों को फाइनेंस और मैनेजमेंट दोनों की जानकारी दी जाती है। कोर्स पूरा होने के बाद छात्र मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब हासिल कर सकते हैं।