सिविल सेवा, देश की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवाओं में से एक है। हर वर्ष करीब लाखों की संख्या में अभ्यर्थी अपनी किस्मत आजमाने के लिए परीक्षा के तीन चरणों से होकर गुजरते हैं। लेकिन जिन हाथों में किताब होनी चाहिए आज वो जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं और एक अतिरिक्त मौके की मांग कर रहे हैं। ज्यादातर अभ्यर्थियों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से वो परीक्षा में शामिल नहीं हो सके।
कोविड की वजह से परीक्षा ना दे पाने का हवाला
याचिकाकर्ता अभिषेक सिन्हा ने कहा कि यूपीएससी के उम्मीदवार अतिरिक्त प्रयास की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। हम 2020 के अंतिम प्रयासकर्ता हैं और उन लोगों की श्रेणी में आते हैं जो COVID और डिजिटल डिवाइड जैसे कारकों के कारण तैयारी की कमी के कारण परीक्षा नहीं दे सके।
बिहार के एक अन्य अभ्यर्थी न गौरव ने कहा कि वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे था और 2020 उनका आखिरी प्रयास था। उनके पिता का निधन COVID के दौरान हुआ था और वो परीक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था। जब परिणाम घोषित किया गया था, तो वो योग्य नहीं पाए गए। सरकार को हमें एक और मौका देना चाहिए।