के शक्तिपीठ को लेकर अलग-अलग पुराणों में अलग-अलग संख्या बताई गई है। शक्तिपीठ ही सिद्ध मंदिरों के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन यहां कुछ ऐसे मंदिरों की बात करने जा रहे हैं जो शक्तिपीठ भी हैं और चमत्कारिक भी। वेदी भागवत पुराण में शक्तिपीठ मंदिरों की संख्या 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गाप्तसति और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। मुख्यत 51 शक्ति पीठ ही माने गए हैं। इन मंदिरों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली शक्तिपीठ कौन से हैं, आइए इसके बारे में बताएं।
ये हैं देवी शक्ति के सबसे सिद्ध और चमत्कारिक मंदिर
1. ज्वालादेवी : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज्वालादेवी का मंदिर सबसे ज्यादा शक्तिशाली और सिद्ध माना गया है। यहां, देवी सती की जीभ गिरी थी और इस स्थान पर आदि काल से ही पृथ्वी के भीतर से कई अग्नि निकल रही है। यह अग्नि कभी शांत नहीं होती। यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।
2. नैना देवी : मल्लीताल की मनोरम घाटियों में स्थित त्रि-ऋषिसरोवर के किनारे नैना देवी मंदिर है। किसी समय यह स्थान ऋषि अत्रि, पुलस्त्य तथा पुलह की साधाना स्थली थी। प्राचीन मंदिर तो पहाड़ के दरकने से नीचे दब गया लेकिन पास ही एक नया मंदिर देवी का बनाया गया है। यह मंदिर चमत्कारिक है और माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों के आंखों से जुड़े कष्ट दूर हो जाते हैं।
3. मनसादेवी : हरिद्वार की ऊंची चोटी पर स्थित मनसा देवी का मंदिर भी सिद्ध और चमत्कारिक माना गया है। यहां शक्ति त्रिकोण हैं। इसके एक कोने पर नीलपर्वत पर भगवती देवी चंडी, दूसरे पर दक्षेश्वर स्थान वाली पार्वती और तीसरे पर बिल्वपर्वतवासिनी मनसादेवी विराजमान है।
4. कालीपीठ : कोलकाता में कालीघाट पर देवी काली का सर्वसिद्ध मंदिर है। रामकृष्ण परहंस इन्हीं काली का पूजा किया करते थे। यह मंदिर अपने चमत्कार और मनोकामना पूर्ति के लिए विख्यात है।
5. हरसिद्धि : मध्यप्रदेश उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के समीप क्षिप्रा नदी के तट पर हरसिद्धि माता के मंदिर है। उज्जैन में ही चमत्कारिक गढ़कालिका का मंदिर भी है। दोनों ही मंदिर में दर्शन का बहुत महत्व माना गया है। राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी के रूप में हरसिद्धि मानी गई हैं।
6. पावागढ़ : गुजरात के पावागढ़ मंदिर में देवी महाकाली का सिद्ध मंदिर है। यह प्रसिद्ध मंदिर देवी के शक्तिपीठों में से एक है। पावागढ़ में देवी के वक्षस्थल गिरे थे। कहते हैं इस मंदिर में पापियों को दंड और पुण्यकर्मियों को आशीर्वाद मिलता है।
7. अर्बुदा देवी : राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी का मंदिर अपने चमत्मकार के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 51 प्रधान शक्ति पीठों में से एक है।
8. योगमाया : कश्मीर में श्रीनगर के गंधर्वल में स्थित क्षीरसागर अर्थात योगमाया का मंदिर आस्था और विश्वास के लिए जाना जाता है। यहां आने वाला कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है।
9. गुवहाटी : असम में गोहाटी के पश्चिम में नीलगिरि पर्वत पर स्थित सिद्धि पीठ को कामाख्या या कामाक्षा पीठ कहते हैं। कालिका पुराण में भी इस मंदिर का जिक्र है और ये मंदिर बहुत ही चमत्कारिक माना जाता है।
10. विन्ध्याचल : श्रीविन्ध्यवासिनी माता ने विन्ध्याचल में ही शुंभ और निशुंभ को मारा था। इस क्षेत्र में शक्ति त्रिकोण है। विन्ध्यवासिनी (महालक्ष्मी), कालीखोह की काली (महाकाली) तथा पर्वत पर की अष्टभुजा (महासरस्वती) विराजमान है। देवी के इस मंदिर की महिमा और चमत्कार बहुत है।
नवरात्रि में यदि आप देवी के इन मंदिरों का दर्शन मात्र भी कर लें तो आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
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