14 April 2022 ka Panchang: आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है। आज प्रदोष का पावन व्रत है। भगवान शिव जी की उपासना के साथ माता दुर्गा जी की पूजा भी करें। आज रुद्राभिषेक करने का बहुत सुंदर अवसर है। मंदिर में शिव जी का दर्शन करें। शिवपुराण का पाठ करें। हनुमानबाहुक व गणेश स्तोत्र के पाठ का आज बहुत महत्व है। शिव मंदिर में भगवान शिव को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व उनको बेल पत्र अर्पित करें। दुर्गा जी की स्तुति करें। आज दान का बहुत महत्व व पुण्य है। आज पुण्य संचय करने का महान दिवस है। गुरुवार को विष्णु उपासना व व्रत का पुण्य भी है।
प्रातःकाल पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए।
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दिनांक | 14 अप्रैल 2022 |
दिवस | गुरुवार |
माह | चैत्र,शुक्ल पक्ष |
तिथि | त्रयोदशी, प्रदोष व्रत |
सूर्योदय | 06:03 am |
सूर्यास्त | 06:43 pm |
नक्षत्र | पूर्वाफाल्गुनी |
सूर्य राशि | मीन 08:56 am तक फिर मेष |
चन्द्र राशि | सिंह 03:55pm तक फिर कन्या |
करण | कौलव |
योग | वृद्धि |
अभिजीत मुहूर्त | 11:56 am से 12:47 pm तक |
विजय मुहूर्त | 02:23 pm से 03:16 pm तक |
गोधुली मुहूर्त | 06:07 pm से 06:39 pm तक |
राहुकाल का समय राहुकाल दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक है। इस दौरान शुभ काम को करने से परहेज करें।
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