Sone ka sahi tareeka : पुराणों और शास्त्रों से जानें सोने का तरीका, भूल कर भी इस तरह से न सोएं

Rules of Sleep According to Scriptures: सोने का तरीका और नियम केवल स्वास्थ्य की दृष्टी से ही महत्वूपर्ण नहीं होता बल्कि हमारे शास्त्रों और पुराणों में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं।

Rules of Sleep, सोने के नियम
Rules of Sleep, सोने के नियम 
मुख्य बातें
  • कभी सुनसान और विरान जगह में नहीं सोना चाहिए
  • पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या की प्राप्ति होती है
  • माथे पर तिलक लगाकर कभी नहीं लगाकर सोना चाहिए

शास्त्रों और पुराणों में मुनष्य के जीवन और दिनचर्या के बारे में बहुत विस्तार से लिखा गया है। शास्त्रों में ही नहीं पुराणों में भी मनुष्य को सोने से जुड़ी कई बाते बताई गई हैं। सोने के तरीके से लेकर मुद्रा तक के बारे में मनुष्य को जरूर जानना चाहिए, क्योंकि इससे केवल सेहत ही नहीं भाग्य पर भी असर पड़ता है। कहां, कैसे और कब सोने के साथ ही यह भी बताया गया है कि किस दिशा में सोना वर्जित है और कौन सी दिशा शुभकर होती है। यदि आप यशस्वी, निरोग और दीर्घायु जीवन पाना चाहते हैं तो आपको इन नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार जानें कैसे सोना चाहिए और कैसे सोने से बचें

  1. मनुस्मृति के अनुसार मनुष्य को सुनसान या निर्जन स्थान या घर में अकेले सोने से बचना चाहिए। साथ ही देव मन्दिर गर्भगृह और श्मशान भूमि में कभी नहीं सोना चाहिए।
  2. विष्णुस्मृति में कहा गया है कि, सोते हुए मनुष्य को कभी नहीं उठाना चाहिए और नींद आए तो उसे कभी टालना नहीं चाहिए।
  3. चाणक्य नीति कहती है कि विद्यार्थी, नौकर और द्वारपाल को कभी ज्यादा निद्रा से प्यार नहीं करना चाहिए।
  4. देवीभागवत एवं पद्मपुराण के अनुसार आयु की रक्षा के लिए ब्रह्म मुर्हूत में उठने की आदत डालनी चाहिए और कभी बहुत अंधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए।
  5. अत्रिस्मृति के अनुसार गीले पैर कभी नहीं सोना चाहिए। गीले पैर सोने से देवी लक्ष्मी नाराज होती हैं।
  6. गौतम धर्म सूत्र में कहा गया है कि मनुष्य को कभी निर्वस्त्र होकर नहीं सोना चाहिए।
  7. आचारमय़ूख में कहा गया है कि पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।
  8. ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।
  9. सूर्यास्त के लगभग 3 घंटे बाद ही शयन करना चाहिए और बाएं करवट सोना लाभप्रद होता है।
  10. शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा में पांव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती है।
  11. शास्त्र में कहा गया है कि हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर सोना बहुत गलत होता है।
  12. बेड पर बैठकर खाना-पीना अशुभ होता है और लेट कर पढ़ने से नेत्र ज्योति घटती है।
  13. शास्त्रों के अनुसार माथे पर तिलक लगाकर कभी नहीं लगाकर सोना चाहिए।

यदि मनुष्य इन नियमों का ध्यान रखें तो उसका स्वास्थ्य और भाग्य दोनों ही बेहतर होंगे।

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