धौलपुर स्थित इस मंदिर का शिवलिंग, भक्तों में आस्था के साथ कौतुल भी भरता है। दिन में तीन बार शिवलिंग का रंग बदल जाता है। सुबह के समय शिवलिंग लाल, दोपहर में केसरिया और रात को श्याम वर्ण में नजर आता है। धौलपुर के बीहड़ों में स्थित अचलेश्वर महादेव के इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलाना देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है। शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है? यह कोई नहीं जानता। अपने अद्भुत चमत्कार के साथ ही लोगों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए भी महादेव के इस मंदिर का बहुत महत्व है।
मनचाहा वर और वधू का मिलता है आशीर्वाद
महादेव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां कुंवारे लड़के और लड़कियां अपने मनचाहे जीवनसाथी की कामना ले कर आते हैं और शिवजी उसे पूरा करते हैं। यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यदि यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं7
हजारोंं वर्ष पुराना है महादेव का ये मंदिर
बताया जाता है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है। बीहड़ में मंदिर होने के कारण पहले कम ही लोग यहां आ पाते थे लेकिन धीरे-धीरे मंदिर के बारे में पता चलते ही श्रद्धालु यहां आने शुरू हो गए और सावन माह में यहां विशेष पूजा भी होने लगी। धोलपुर से पांच किलोमीटर दूर चम्बल नदी के किनारे बीहड़ोंं में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर को करीब एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है।
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