Chanakya Niti in hindi: नीतिशास्त्र में जीवन के लिए कई ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिन अपना कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय और आसान बना सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में लोगों को अपने जीवन को सुखमय बनाने का उपाय बताते हुए कहा है कि जीवन के रास्ते में कई बार हम जाने-अनजाने ऐसे लोगों के साथ रहने लगते हैं, जो हमारे सुखी जीवन को भी अकारण दुखों से भर देते हैं। इन लोगों का साथ जिसे मिलता है उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। इसलिए व्यक्ति को ऐसे लोगों से हमेशा ते दूरी बनाकर रहना चाहिए।
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु और शिष्य का रिश्ता अटूट होता है, शिष्य की वजह से गुरु की ख्याति बढ़ती है। लेकिन अगर किसी गुरु को मूर्ख शिष्य मिल गया तो गुरु कितना भी योग्य क्यों न हो उसकी दूर-दूर तक फैली कीर्ति खत्म हो जाती है। मूर्ख शिष्य के आने से गुरु के जीवन में दुख आने में देर नहीं लगती है। मूर्ख शिष्य न केवल गुरु को लज्जित कराता है, बल्कि अपनी मूर्खता से गुरु के जीवन में कई अड़चनें भी डालता है और उनके ज्ञान को बर्बाद कर देता है।
आचार्य चाण कहते हैं कि, व्यक्ति को ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रहना चाहिए तो हर समय दुखी लोगों के साथ रहते हैं। ऐसे लोग विद्वान और सुखी होने के बाद भी कुछ ही समय में निराशा का शिकार हो जाते हैं। अगर कोई इनके साथ रहे तो वो उसे भी निराशा की गर्त में ढकेल देते हैं, इसलिए इनसे हमेशा दूरी बनाकर रहें।
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चाणक्य नीति के अनुसार, जिस तरह अच्छी, चरित्रवान, शिक्षित महिला का साथ पुरुष के जीवन को सफलता और सुखों से भर देता है, वैसे ही दुष्ट महिला का साथ दुखों से भर देता है। यदि पत्नी दुष्ट-झगड़ालू हो तो दुनिया का कोई भी सुख-संपत्ति जीवन के दुखों को कम नहीं कर सकता।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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