Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने जीवन को सरल बनाने के कई उपाय बताए हैं। उन्होंने नीतिशास्त्र में मनुष्य जीवन को लेकर बहुत कुछ लिखा है। इसमें लोगों के अंदर के गुण व अवगुणों के बारे में भी कई बातें बताई हैं। आचार्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के अंदर के अवगुण दूसरे लोगों को भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले उसके अंदर के गुण व अवगुण को पहचानना बेहद जरूरी है। क्योंकि अगर आपका मित्र गुणी होगा तो वह आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगी, वहीं अवगुणों से युक्त मित्र आपको पूरी तरह से तबाह कर देगा।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, एक शिक्षित और बुद्धिमान व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को सफलता के शिखर पर पहुंचाने की कोशिश करता है। ऐसे लोगों से जरूर दोस्ती करनी चाहिए। वहीं अशिक्षित लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग अपनी अज्ञानता से खुुद तो बर्बाद तो होते ही हैं, साथ में अपने आसपास के लोगों को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं, लालच की भावना हर व्यक्ति में बहुत खतरनाक होती है, लेकिन यह भावना अगर किसी मित्र में आ गई तो उससे तुरंत दूरी बना लेना ही बेहतर होता है। क्योंकि ऐसे लोग लालच में फंस कर गलत काम करते रहते हैं। इससे इनपर मुसीबत आना तय रहता है। इस मुसीबत से इनके आसपास रहने वाला व्यक्ति भी नहीं बच पाता है। इसलिए ऐसे लोगों से तुरंत ही दूरी बना लेना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अहंकार हर मानव के लिए बहुत विनाशकारी होता है। यह उस व्यक्ति को तो बर्बाद करता है ही साथ ही घर-परिवार व आसपास के लोगों की सुख-समृद्धि भी छीन लेती है। ऐसे अहंकारी लोगों से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी दोनों ही नाराज रहती हैं। ऐसेे लोग न तो अपने ज्ञान-बुद्धि का उपयोग कर पाते है और न ही जीवन में सफल हो पाते हैं। ये लाेेगसभी को बर्बाद कर देते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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