Anant Chaturdashi 2022 Vrat Katha in Hindi: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी के पर्व का खास महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, वर्ष 2022 में अनंत चतुर्दशी का पर्व 9 सितंबर यानी आज शुक्रवार तिथि पर मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि अनुसार पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा करने से इस दिन भक्तों को अनंत फल की प्राप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने वाले भक्त इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करते हैं। इसके साथ इस दिन पौराणिक व्रत कथा भी पढ़ते हैं। यहां देखें अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा।
Anant Chaturdashi 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat
आनंद चतुर्दशी तिथि: 9 सितंबर 2022, शुक्रवार
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 8 सितंबर 2022 रात 9:02 से
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 9 सितंबर 2022 शाम 6:07
कई पंडितों के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर इस वर्ष घनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र बन रहे हैं। इन दोनों नक्षत्रों की वजह से इस दिन प्रजापति और सौम्य नाम के दो शुभ योग भी बनने वाले हैं। इस दिन सुकर्मा, रवि और धृति योग भी रहेंगे।
Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi, Muhurat
बहुत समय पहले एक सुमंतु नाम के ऋषि रहा करते थे। ऋषि सुमंतु की एक बेटी थी जिसका नाम शीला था। जब उनकी बेटी शीला बड़ी हुई तब ऋषि सुमंतु ने उसका विवाह कौण्डिन्य मुनि से करा दिया। ऋषि सुमंतु की बेटी ने एक बार अनंत चतुर्दशी का व्रत किया था जिसके फलस्वरूप उसके जीवन में सुख-समृद्धि आ गई थी और उसे कभी धन की कमी नहीं हुई। लेकिन एक दिन कौण्डिन्य मुनि ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी शीला के हाथ में बंधे हुए अनंत सूत्र को तोड़ दिया। यह सूत्र तोड़ने के बाद उन्होंने इसे आग में डाल दिया। जैसे ही मुनि ने ऐसा किया वैसे ही उसके जीवन में अंधकार छा गया। यह सब देख कर मुनि काफी परेशान हो गया और उसे अपने किए का पछतावा होने लगा।
भगवान विष्णु ने दिए दर्शन
जीवन में इतनी सारी परेशानियों के आने की वजह से मुनि काफी परेशान रहने लगा था। ऐसे में एक दिन विष्णु जी ने बूढ़े ब्राह्मण के रूप में मुनि को दर्शन। मुनि से मिलने के बाद विष्णु जी ने उसे अनंत व्रत के बारे में बताया। जिसके बाद मुनि ने अपनी पत्नी शीला के साथ यह व्रत किया और इसके प्रभाव से एक बार फिर उनका जीवन खुशियों से भर गया।
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