Ashadha Masik Shivratri 2022: कब है आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि, पूजा-व्रत से मिलता है महाशिवरात्रि जैसा फल

Ashadh Masik Shivratri 2022 Date (आषाढ़ी शिवरात्रि 2022 कब है, आषाढ़ मास 2022 शिवरात्रि की डेट): हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। जानें इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि कब है।

Ashadha Month Masik Shivratri 2022 Date and Time, Ashadh Masik Shivratri 2022 Date in India
आषाढ़ मास 2022 की शिवरात्रि कब है 
मुख्य बातें
  • मासिक शिवरात्रि पर होती है पूरे शिव परिवार की पूजा
  • रात-दिन सभी पहर में होती है मासिक शिवरात्रि की पूजा
  • हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होती है मासिक शिवरात्रि

Ashadh Masik Shivratri 2022 Date in India: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि पड़ती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से महाशिवरात्रि जैसे पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ रही है जिससे की इस बार मासिक शिवरात्रि की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। क्योंकि मासिक शिवरात्रि और सोमवार का दिन दोनों ही भगवान शिवजी की पूजा के लिए समर्पित होता है। जानते हैं आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में..

Ashadha Month Masik Shivratri 2022 Date and Time

आषाढ़ चतुर्दशी प्रारंभ-  सोमवार 27 जून सुबह 03:25 बजे

आषाढ़ चतुर्दशी समाप्त-  मंगलवार 28 जून सुबह 05:52 बजे

पूजा का समय- 27 जून रात्रि 12:04 से 12:44 तक (पूजा की अवधि 40 मिनट)
 

आषाढ़ मास की शिवरात्रि का क्या महत्व है 

सोलह सोमवार, सावन और महाशिवरात्रि व्रत की तरह ही मासिक शिवरात्रि पर भी भगवान शिव की पूजा व व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं यदि मासिक शिवरात्रि का व्रत व पूजन करती है तो शिवजी की कृपा से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती है।

आषाढ़ी मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें। पूजाघर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। घर पर यदि शिवलिंग स्थापित हो तो घर पर पूजा करें अन्यथा मंदिर में जाकर मासिक शिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए। मासिक शिवरात्रि की पूजा सुबह और रात्रि सभी पहरों में की जाती है। सबसे पहले शिवलिंग का जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर चंदन से तिलक करें। फिर अक्षत, बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प धतूरा, शक्कर, शहद, फल और मिठाई आदि शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दिन शिवजी के साथ पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। इसलिए शिवजी के बाद माता गौरी, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की भी पूजा करें। शिव चालीसा का पाठ करें और पूजा के समाप्त होने पर भगवान शिव की आरती करें।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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