Astrology Kundli predictions : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल जातकों की दशा और दिशा निर्धारित करती है। ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी पर जन्म लेते ही जातक पर नौ ग्रहों का असर शुरू हो जाता है और हमेशा उसपर इसका असर बना रहता है। जीवन में खुशियों की सौगात तभी मिलती है जब कुंडली के ग्रह अनुकूल होते हैं। अगर कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा और दिशा बेहतर हो तो हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार लड़कियों की कुंडली में जब शुभ ग्रहों की संख्या अधिक होती है तो इसे अत्यंत फलदायी माना जाता है।
कहा जाता है कि जिन कन्याओं की कुण्डली में लग्न, पंचम, सप्तम और एकादश शुभ भाव में दृष्ट होता है उस कन्या को अच्छा और योग्य वर यानी राजकुमार की प्राप्ति होती है। विवाह की दृष्टि से इन ग्रहों का विशेष महत्व होता है। इस प्रकार जब कन्याओं की कुंडली ये तीनों ग्रह मजबूत होते हैं तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं।
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बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति को ग्रहों का गुरू यानी पुरोहित कहा जाता है, यह अत्यंत ज्ञानी और गंभीर माना जाता है। साथ ही यह व्यक्ति की आयु, ज्ञान और धर्म को प्रभावित करता है। बृहस्पति मजबूत होने पर व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती। साथ ही कन्याओं की कुंडली में बृहस्पति बलशाली और शुभ योग में विराजमान हों तो योग्य वर की प्राप्ति होती है। वहीं बृहस्पति के कमोजर होने पर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं या फिर मैरिज लाइफ खराब हो सकती है।
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शुक्र ग्रह
सौरमंडल के नौ ग्रहों में शुक्र का महत्व सबसे अधिक माना गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को लग्जरी लाइफ का कारक माना जाता है। साथ ही यह वैभव, विलास, सुख, प्रेम और धन संपत्ति का भी कारक है। इसे सुंदरता का भी प्रतीक माना जाता है, जिस व्यक्ति का शुक्र मजबूत होता है उसके जीवन में हमेशा सकारात्मकता का वास होता है। शादी विवाह की दृष्टि से भी शुक्र को विशेष माना जाता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार जिन कन्याओं की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है।
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बुध ग्रह
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है, इसे ग्रहों का युवराज भी कहा जाता है। यह कन्या और मिथुन राशि का स्वामी होता है। साथ ही बुध बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा और सौंदर्य का कारक होता है। जातकों की कुंडली में बुध मजबूत होने से बुद्धि की प्रखरता आती है, बिना बुध के बुद्धि का होना लगभग असंभव होता है। कहा जाता है कि कन्याओं की कुंडली के सप्तम भाव में जब बुध की दृष्टि पड़ती है तो योग्य वर की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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