नई दिल्ली: बीते कई दिनों से बीमार चल रहे अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अब इस दुनिया को अल्विदा कह कर चले गए। अटल जी की गिनती साहसिक फैसले लेने वाले नेताओं में की जाती थी। हैरानी की बात है कि उनका पहला प्रधानमंत्रित्व काल केवल 13 दिनों तक रहा। उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए भी 13 तारीख को ही चुना।
यही नहीं उनका 13 नंबर से इतना गहरा नाता था कि उनका दूसरा कार्यकाल भी महज 13 महीनों तक ही चला। लेकिन पुन: वाजपेयी ने 13वीं लोकसभा के प्रधानमंत्री के रूप में, 13 दलों के सहयोग से 13 तारीख को ही शपथ ली। इसके बाद उन्हें 13 तरीख को ही पराजय भी झेलनी पड़ी।
आखिर अटल जी का 13 की संख्या से क्या नाता रहा होगा। क्या यह संख्या सच-मुच अशुभ है या फिर बुरे भाग्य का प्रतीक? आखिर लोग 13 नंबर के इस्तेमाल से क्यों बचते हैं, आइये जानते हैं...
क्या कहते हैं विद्वान
बहुत से विद्वानों का मानना है कि 13 अंक शुभ नहीं होता। ऐसा इसलिए क्योंकि यह अंक अधूरा माना जाता है जबकि 12 नंबर पूर्णता का प्रतीक है। ऐसे में न्युमरोलॉजी के हिसाब 13 अंक बुरे भाग्य का प्रतीक माना जा सकता है।
हिंदू धर्म के हिसाब से कैसी है यह तरीख
हिंदू धर्म में 13 तरीक काफी महत्वपूर्ण है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 13वां दिन त्रयोदशी का होता है, जो कि भगवान शिव को अर्पित है। वहीं, प्रदोष व्रत भी महीने के 13वें दिन ही आता है। इस दिन व्रत रखने से जवन में खुशियां आती हैं। यहीं नहीं महा शिवरात्रि भी माघ महीने के 13वें दिन की रात्रि में मनाई जाती है। तो फिर यह 13 नंबर अशुभ कैसे है?
13 नंबर का मतलब है मौत
टैरो कार्ड के संदर्भ में 13 नंबर का मतलब है मौत। मौत यानि जीवन में कठिनाई का आगमन। कहने का मतलब है कि इंसान जिस रास्ते पर चलेगा उसे खतरा ही खतरा मिलने वाला है।
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