Chanakya Niti in Hindi: जीवन का एक मकसद होना बहुत जरूरी है, वरना व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है। जीवन को सफल और सुखी बनाने के लिए अच्छी आदतें और अच्छे कर्म करना जरूरी है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर व्यक्ति अच्छे कर्म नहीं करता है तो उसका जीवन नर्क बन जाता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ अच्छे कर्म करने चाहिए, साथ ही कुछ कार्यों से दूर रहना भी बेहतर रहता है। आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति में कुछ गुणों के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी का संवेदनशील, कर्मठ, अच्छे विचार वाला होना जरूरी है, वरना उसका जीवन व्यर्थ है।
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग जिनमें दया भाव न हो, उनका जीवन व्यर्थ होता है। ऐसे लोगों के स्वभाव की कठोरता उन्हें मनुष्य नहीं रहने देती है और वे अपने जीवन में इसका भारी नुकसान उठाते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, हमेशा दूसरों से लड़ते-झगड़ते रहने वाले लोग अपने जीवन में सिर्फ शत्रु बनाते हैं। ऐसे लोगों से लोग दूरी बना लेते हैं, इन्हें सुख दुख बांटने के लिए कोई मित्र नहीं मिलता है। व्यक्ति का यह बुरा आचरण उसे ना कभी सफल होने देता है और ना ही कोई सुख देता है। ये अपने परिवार के नुकसान और बदनामी का कारण बनते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार दूसरे के धन में कभी सुख नहीं मिलता है। जो दूसरों के धन पर अपनी नजर रखता है, वह अपने जीवन में कभी सुख नहीं पाता। चोरी, झूठ और धोखे से कमाया गया धन उस व्यक्ति के साथ उसके पूरे परिवार का विनाश करने की ताकत रखता है।
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आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने मित्रों और परिवार की मुसीबत के समय मदद नहीं करता, उसका कोई साथ भी नहीं देता है। मुसीबत के समय ये अकेले रह जाते हैं और इन्हें अपना पूरा जीवन ही अकेले काटना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, हमेशा गुस्से में रहने वाले लोगों को अपने जीवन में पछतावा ही हाथ आता है। गुस्से में रहने वाले लोगों के साथ उनके परिजन व मित्र भी रहना नहीं पसंद करते हैं। गुस्से के कारण वे अपने जीवन में कई अच्छे मौके खो देते हैं और अपनी ऊर्जा को नकारात्मक कामों में बर्बाद कर देते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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