Bhuvaneshwari Jayant 2020: भुवनेश्वरी जयंती देवी भुवनेश्वरी के पृथ्वी पर अवतरण का दिन है। उन्हें 10 महाविद्याओं में से चौथे स्थान पर माना जाता है। भुवनेश्वरी जयंती इस साल 2020 में 30 अगस्त को मनाई जाएगी। यह देवी शक्ति का एक शक्तिशाली अवतार हैं जिसकी पूजा पूरे भारत में की जाती है।
भुवनेश्वरी का अर्थ है- ब्रह्मांड की रानी। इस प्रकार संपूर्ण ब्रह्मांड उनका शरीर है और देवी सभी प्राणियों को आभूषण के रूप में धारण किए हुए हैं। अगर जयंती के समय की बात करें तो भुवनेश्वरी जयंती शुक्ल पक्ष द्वादशी के दिन या 12वें दिन मनाई जाती है। इस मौके पर उत्तर भारत के तमाम शक्ति मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।
देवी भुवनेश्वरी अपनी इच्छा अनुसार चीजों को नियंत्रण करती हैं। मान्यताओं के अनुसार वह ब्रह्मांड को एक कोमल फूल की तरह संभालती हैं और उसकी रक्षा करती हैं।
इस दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर देवी का दशोंपचार पूजन करना चाहिए। कर्पूर जला कर धूप बत्ती लगाएं और इसके साथ ही सफेद रंग के फूल, चावल, चंदन, दूध, शहद व इत्र चढ़ाएं। इसके अलावा मावे का भोग लगा कर 1 माला का मंत्र जाप करें। पूजा समाप्त होने के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट में दें।
देवी भुवनेश्वरी के मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति विभिन्न तरीकों से लाभान्वित होता है। अन्य देवी-देवताओं को प्रसन्न हेतु भी इसका जाप किया जाता है। भुवनेश्वरी मंत्र, 'ओम ऐं ह्रीं श्रीं नमः' (मूल मंत्र) के साथ 'ह्रीं ओम क्रिम् (त्रेताक्षरी मंत्र)' और 'ऐं ह्रीं श्रीं ऐं ह्रीं (पंचकोशी मंत्र)' का जाप करने वाले व्यक्ति को बुद्धि और बल की प्राप्ति होती है। हालांकि किसी गुरू के मार्गदर्शन में यह जाप उचित फलदायी होगा।
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