Bijethua Mahaviran Temple: एक ऐसा मंदिर, जहां जमीन के अंदर धंसा है हनुमान जी का एक पैर

आध्यात्म
Updated May 13, 2019 | 15:51 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

इस मंदिर में हनुमान जी की एक प्राचीनकाली मूर्ति है जिसका एक पैर जमीन के अंदर धंसा हुआ है और मूर्ति थोड़ी तिरछी है।

Bijethua Mahaviran Temple In Sultanpur Mysterious Temples Of India
Bijethua Mahaviran Temple In Sultanpur Mysterious Temples Of India  |  तस्वीर साभार: Instagram

आमतौर पर हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में हनुमान का एक अलग ही स्थान है। देश भर में लाखों की संख्या में श्रीराम भक्त हनुमान के अनन्य भक्त हैं। हनुमान को संकटमोचन और विघ्नहर्ता माना जाता है। भारत के सभी छोटे एवं बड़े हनुमान मंदिरों में प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान जी के भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है।

माना जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा और मंगलवार व्रत का उतना ही महत्व है जितना कि अन्य देवी देवताओं एवं व्रत त्योहारों का है। वैसे तो आप वाराणसी के संकटमोचन मंदिर सहित भारत में अन्य प्रमुख हनुमान मंदिरों के बारे में जरूर जानते होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हनुमान जी का एक पैर जमीन के अंदर धंसा हुआ है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by UP_44 ZiLa SuLTaNPuR (@up_44_zila_sultanpur) on

यहां स्थित है यह मंदिर
हनुमान जी का यह अद्भुत मंदिर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के कादीपुर तहसील में विजेथुआ में स्थित है। इसे महावीरन मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की एक प्राचीनकाली मूर्ति है जिसका एक पैर जमीन के अंदर धंसा हुआ है और मूर्ति थोड़ी तिरछी है। मूर्ति की प्राचीनता का पता लगाने और इसे सीधा करने के लिए पुरातत्व विभाग ने खुदाई करायी लेकिन 100 फीट से ज्यादा खुदाई हो जाने के बाद भी धंसे हुए पैर का सिरा नहीं मिल पाया। 

महावीरन मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
जब रावण के बाण से  लक्ष्मण मूर्छित हो गए तब उनका प्राण बचाने के लिए वैद्यराज ने हनुमान को संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय भेजा। रास्ते में ही हनुमान जी को मारने के लिए रावण ने कालनेमि नामक एक मायावी राक्षस को भेजा। कालनेमि साधु का रुप धारण करके राम राम का जाप करने लगा और हनुमान को अपने आश्रम में चलकर विश्राम करने के लिए बोला। हनुमान उसकी बातों में आकर उसके साथ आश्रम चल दिये। तब कालनेमि ने हनुमान जी से स्नान करके भोजन करने का आग्रह किया। हनुमान जी जैसे ही नहाने के लिए तालाब में उतरे, कालनेमि मगरमच्छ का रुप धारण करके उन्हें खाने के लिए पहुंचा। तब हनुमान जी ने उसी तालाब में कालनेमि का वध कर दिया। वह तालाब आज भी स्थित है जिसे मकरी कुण्ड के नाम से जाना जाता है। लोग भगवान हनुमान का दर्शन करने से पहले इस कुण्ड में स्नान करते हैं।

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर