Kaali Haldi Remedy and Upay: आमतौर पर हल्दी का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा कई शुभ कार्यों, पूजा-पाठ और आयुर्देवदिक उपचार के रूप में भी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी दो तरह की होती है। एक पीली हल्दी और दूसरी काली हल्दी। पीली हल्दी का उपयोग सबसे ज्यादा होता है और ये आसानी से मिल जाती है। लेकिन पीली हल्दी की तरह काली हल्दी के भी खूब फायदे हैं। काली हल्दी से कई तरह की समस्याओं से निजात मिलता है। काली हल्दी के चमत्कारी और अचूक उपाय जान आप भी हैरान रह जाएंगे। इन उपायों से धन लाभ होता है।
काली हल्दी के उपाय या टोटके
खूब पैसा कमाने के बाद भी घर पर पैसा ठहरता नहीं और फिजूलखर्ची होती चली जाती है तो इसके लिए आप शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को चांदी की एक डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर और सिंदूर मिलाकर मां लक्ष्मी के चरणों में चढ़ा कर दें। फिर इस हल्दी को पैसा रखने की जगह या तिजोरी में रख दें। इससे तिजोरी कभी खाली नहीं रहेगी।
व्यापार में मुनाफा नहीं हो रहा और लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है तो इसके लिए आप शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन किसी नए पीले कपड़े में 11 काली हल्दी की गांठें, 11 शुद्ध गोमती चक्र, एक चांदी का सिक्का और 11 कौड़ियों रखें बांध दें। कपड़े में बाधें गए इन सामग्रियों को हाथ में लेकर 108 बार 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जाप करें। फिर इस पोटली को अपनी दुकान या व्यापार वाले स्थान पर रख दें। इससे आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और व्यापार में उन्नति होगी।
घर पर कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और उसके इलाज में बेहिसाब पैसा खर्च हो रहा। लेकिन फिर भी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा तो इसके लिए आप किसी भी गुरुवार के दिन आटे के दो पेड़े बनाएं और इसमें भीगे हुए चने की दाल, गुड़ और काली हल्दी बीमार व्यक्ति के सिर के ऊपर से 7 बार उतारकर किसी गाय को खिला दें। ऐसे आपको लगातार तीन गुरुवार करना है। इससे सेहत में सुधार आएगा।
घर पर बरकत नहीं होती और हमेशा पैसे का अभाव बना रहता है तो इसके लिए आप गुरु-पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर और कुछ सिक्के के साथ लाल कपड़े में लपेटकर एक पोटली बना लें। इस पोटली को धूप-दीप दिखाकर तिजोरी या जिस जगह आप पैसा रखते हों वहां रखें। इस उपाय से धन में वृद्धि होने लगेगी और जल्द ही पैसे का अभाव खत्म होगा।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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