Candle Color Astrology: मोमबत्ती सिर्फ अंधेरे में रोशनी के लिए नहीं बल्कि कई तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है। पूजा पाठ, सेलिब्रेशन, कैंडल लाइट डिनर, बर्थडे से लेकर कई कामों में मोमबत्ती अहम भूमिका निभाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोमबत्ती का इस्तेमाल भविष्य जानने के लिए भी किया जाता है। जी हां, मोमबत्ती आपकी किस्मत बता सकती है। इतना ही नहीं मोमबत्ती आपको आने वाले संकटों का संकेत भी देती है। कहा जाता है कि मोमबत्ती से भविष्य जानने की पद्धति सबसे पहले रोम में शुरू हुई थी।
मनोकामना के अनुसार चुने मोमबत्ती का रंग
सफेद रंग की मोमबत्ती- नए काम या रिश्ते संबंधी मनोकामना के लिए
लाल रंग मोमबत्ती- हर तरह की भौतिक सुविधाएं और कामना के लिए
ऑरेंज रंग की मोमबत्ती- अच्छे स्वास्थ्य, कॉन्फिडेंस और करियर में तरक्की के लिए
पीली रंग की मोमबत्ती- धन संबंधी और रचनात्मक कार्यों के लिए
हरे रंग की मोमबत्ती- प्यार, घर- परिवार और दोस्ती के लिए
नीली रंग की मोमबत्ती- सफर, परीक्षा और अध्ययन के लिए
जामुनी रंग की मोमबत्ती- मन की शांति और एकाग्रता के लिए जामुनी रंग की मोमबत्ती चुने
गुलाबी रंग की मोमबत्ती- अशांत मन को शांत रखने, अच्छी नींद के लिए और सभी तरह की मनोकामनाओं के लिए
कत्थई या भूरे रंग की मोमबत्ती- घर की सुख शांति और नए मकान के लिए
मोमबत्ती के रंगों से मनोकामना पूर्ति की विधि- अपनी मनोकामना के अनुसार तीन मोमबत्ती को त्रिभुज आकार में लगाएं फिर एक और मोमबत्ती लें और इसे कुछ दूरी पर लगा दें। फिर माचिस की एक ही तीली से सभी मोमबत्तियां जला दें और कमरे की लाइटें बंद कर दें। मोमबत्ती की जलती हुई लौ या प्रकाश पर ध्यान दें। त्रिकोण में रखी मोमबत्तियों की लौ से आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। इसे इस तरह से पहचानें-
1. मोमबत्ती के शिखर पर अद्भुत तेज प्रकाश आने वाली समृद्धि के बारे में संकेत देती है।
2. लहरदार और कुंण्डलों में उठती मोमबत्ती की ज्योति आपको शत्रुओं की चाल से सावधान करती है।
3. मोमबत्ती से छोटी-छोटी चिंगारियां आपको सावधानी बरतने का संकेत देती है।
4. मोमबत्ती से गिरती और उठती हुई ज्योति भविष्य में आने वाली निराशा का संकेत देती है।
5. अगर अचानक ही मोमबत्ती की ज्योति बुझ जाए तो इसे भयंकर विपत्ती का सूचक माना जाता है।
ध्यान रखें- इन विधि से आप भले ही आप भविष्य होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इसे पहली बार करने के बाद किसी नजीते पर ना पहुंचे। बल्कि इसके लिए पूर्व अभ्यास जरूर करें और अपने इष्टदेव पर आस्था व श्रद्धा बनाएं रखें।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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