जीवन में आर्थिक संकट का कैसे करें सामना, जानें ऐसे व‍िकट समय के ल‍िए क्‍या कहती है चाणक्य नीति

धन की कमी व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं को उत्पन्न कर देती है। धन ना होने पर अपना अपने को नहीं पहचानता। आचार्य चाणक्य के अनुसार बुरे वक्त से निपटने के लिए इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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मुख्य बातें
  • आर्थिक संकट से उबरने के लिए निरंतर परिश्रम करें
  • आर्थिक संकट के दौरान बुरे वक्त से निपटने के लिए रखें संयम
  • इस दौरान धन अर्जित करने के लिए किए जा रहे काम में ना करें लापरवाही

भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजाओं ने अपना शासन चलाया। इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया। आपको बता दें चाणक्य को विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है।

चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में धन संचय और व्यय के बारे में समाज को संपूर्ण जानकारी दी। धन का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व होता है। यह व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बना देता है, लेकिन धन की कमी व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं को उत्पन्न कर देती है। धन ना होने पर अपना अपने को नहीं पहचानता। आचार्य चाणक्य के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी का स्वभाव बहुत चंचल होता है। 

इसलिए आचार्य चाणक्य ने धन को अर्जित करने और व्यय करने के बहुत से नियमों का जिक्र अपने नीतिशास्त्र में किया है। उनके अनुसार व्यक्ति आर्थिक संकट यानि  बुरा वक्त आने पर इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

संयम रखें

धन की कमी यानि आर्थिक संकट आने पर हमें बहुत संयम से काम लेना चाहिए। इस दौरान हमें पैसों को बहुत हिसाब से खर्च करना चाहिए। किसी के बहकावे और जोश में आकर कोई कदम ऐसा नहीं उठाना चाहिए जिससे आपके पास जो कुछ है वो भी चला जाए।

निरंतर परिश्रम करें

बुरे वक्त के दौरान निरंतर परिश्रम करना चाहिए। इस दौरान हिम्मत ना हारें निरंतर परिश्रम करते रहें। परिश्रम से सफलता मिलती है और सफलता धन की देवी लक्ष्मी का प्रसाद होता है। सफल व्यक्ति के पास कभी धन की कमी नहीं रहती। इसलिए परिश्रम करते रहे, इससे जल्द ही आपके बुरे वक्त का अंत होगा।

पैसा बचाने का करें उपाय

आपने यह कहावत सुनी होगी पैसा बचाना उसे कमाने के बराबर है। इसलिए आर्थिक संकट के दौरान अपको अपने गैर जरूरतमंद खर्चों को कम करना चाहिए। किसी के बहकावे या किसी को देखकर कोई ऐसा कदम ना उठाएं कि जिससे आपका सबकुछ दांव पर लग जाए

अपने कार्य को गंभीरता से लें

आर्थिक संकट के दौरान आपकी नौकरी यानि आपका कार्य ही आपको इससे उभरने में मदद कर सकता है। इसलिए अपने कार्य को गंभीरता से लें। आर्थिक संकट के दौरान आपकी अपने कार्य के प्रति जरा सी लापरवाही आपको संकट में डाल सकती है।
 

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