एक सफल बॉस उसी को माना जाता है जो सीमित संसाधनों के साथ काम करना और अपने सहयोगियों से बेहतर काम लेना जानता है। विपरीत परिस्थतियों में खुद को सामान्य रखते हुए कैसे बेहतर काम किया जाए और सहयोगियों का मनोबल कैसे ऊंचा रखा जाए, इसकी सीख चाणक्य से बेहतर शायद ही कोई दे सकता है। चाणक्य एक सफल गुरु होने के साथ एक बेहतर योद्धा भी थे। वह जानते थे कि समय जब विपरीत होता है तो किस तरह से अपनी उपयोगिता बनाए रखी जा सकती है। इसलिए मौजूदा समय में हर गुरू या बॉस को चाणक्य से जरूर सीख लेनी चाहिए।
चाणक्य से जानें, एक सफल बॉस बनने के लिए किन गुणों की जरूरत होती है
1. समय प्रबंधन में सक्षम होने का गुण
एक सफल नेता या बॉस वही होता है जो समय प्रबंधन में सफल होता है। समय प्रबंधन जिसका सही नहीं होता वह बेहतर काम कभी नहीं कर सकता है। सहयोगियों से काम लेने के लिए बॉस का समयबद्ध होना सबसे बड़ा गुण होता है। सफल नेतृत्व के लिए जरूरी है कि बॉस अपने सहयोगियों के समक्ष समय के महत्व का उदाहरण पेश करता रहे और खुद उनको भी प्रेरित करें। समय की जरूरत को समझे और समय के अनुसार काम करें। यह एक बेहतरीन गुण हर बॉस या नेतृत्व करने वाले में होना चाहिए।
2. सहयोगियों की क्षमता को पहचानने का गुण
यदि आप गुरु, बॉस या नेता हैं तो आपको अपने हर सहयोगी की क्षमता का पता होना जरूरी है। साथ ही यह भी समझना होगा कि समय पर कौन काम आ सकता है या कौन विपरीत परिस्थतियों में बिना घबराए काम करता है। सहयोगी के गुण, कमी और अच्छाई के बारे में एक बॉस को हमेशा जानकारी रखनी चाहिए। साथ ही खुद कार्य का मूल्यांकन करें न कि दूसरों के कहने में आकर सहयोगी की कार्यक्षमता को पहचानें।
3. योजना बनाकर कार्य करने का गुण
किसी भी कार्य की सफलता उसकी योजना और कार्य को लेकर किए गए अध्ययन पर निर्भर करती है। इसलिए किसी कार्य को शुरू करने से पहले उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करना और फिर एक योजना के अनुसार काम करना चाहिए। एक सफल नेतृत्व के लिए इस गुण का होना बेहद जरूरी होता है।
4. रणनीति बनाकर काम करने का गुण
कार्य योजना तो बन गई, लेकिन एक रणनीति के तहत यदि काम का बंटवारा सहयोगियों में करने का गुण आप में नहीं तो आप सफल नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। अच्छे और सफल कार्य के लिए बॉस को कार्य योजना की रणनीति भी बनानी चाहि। रणनीति बनाने के बाद ही कार्य शुरू करना चाहिए। कार्य को पूरा करने और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समूह को जिम्मेदारियों का वितरण करना चाहिए।
इन चार गुणों वाले गुरु, नेता और बॉस अपने सहयोगियों के साथ बेहतर सामन्जस्य स्थापित करते हैं और कार्य सफल होने की गारंटी भी देते हैं।
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