Chanakya Niti in Hindi: क्या महिलाएं हो सकती हैं अच्छी शिक्षक? जानिए इस पर क्या कहती है चाणक्य नीति

Chanakya Niti In Hindi: व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। ये शिक्षा देने के साथ शिष्यों को सही और सच्चाई का मार्ग भी दिखाते हैं। आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि महिलाएं अच्‍छी शिक्षक बन सकती हैं, क्‍योंकि इनके अंदर कुछ ऐसे गुण होते हैं, जो एक अच्‍छा शिक्षक बनने में इनकी मदद करते हैं।

Chanakya Niti
चाणक्‍य ने महिलाओं को बताया स्‍वभाविक शिक्षक   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • महिलाएं होती हैं पथ अनुसरण और ग्रहणशीलता में दक्ष
  • स्त्रियों में जन्‍म से होता है भक्ति भाव का स्‍वभाविक गुण
  • दया और विनम्रता और साहस से परिपूर्ण होती हैं महिलाएं

Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य को विश्‍व के सर्वश्रेष्‍ठ शिक्षकों में गिना जाता है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में इन्‍होंने कई प्रसिद्ध लोगों को शिक्षा दी। जीवन में शिक्षा का महत्व क्या होता है इस बारे में आचार्य चाणक्य से बेहतर भला कौन जान सकता है। चाणक्य ने अपने नीति शास्‍त्र में शिक्षा के महत्व, शिष्य के रूप और गुरु के महत्‍व को विस्‍तार से बताया है। साथ ही महिलाओं के बारे में कई अहम बातें कही हैं। चाणक्‍य का मानना है कि स्त्री का स्वभाव ही गुरु का होता है। आचार्य कहते हैं कि, हिन्दू धर्म में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने ऋषियों के साथ शास्त्रार्थ किया है। वैदिक काल में नारियों को धर्म और राजनीति में भी ये पुरुषों के समान ही समानता हासिल थी। वे वेद पढ़ती थीं और पढ़ाती भी थीं। मैत्रेयी, गार्गी जैसी नारियां इसका उदाहरण है।

पथ अनुसरण में दक्ष

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि स्त्री पथ का अनुसरण करने में वह बहुत दक्ष होती है। यह ग्रहणशीलता स्त्रियों में स्वाभाविक होती है। जिसकी वजह से ये किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से सीखती और सिखाती हैं। इनका यह गुण इन्‍हें गुरु बनने में अहम भूमिका निभाता है। आचार्य कहते हैं कि श्रेष्ठ गुरु वही होता है जो शिष्य को ऐसा दृष्टिाकोण प्रस्तुत करे, जिससे वे अपना और समाज का भला कर सके। महिलाएं इस कार्य में दक्ष होती हैं।

Also Read: Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य के इन 10 मंत्र में छिपा है जीवन रहस्‍य, समझ गए तो कभी नहीं मिलेगी असफल

स्त्री में भक्ति भाव

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि स्त्रियों में भक्ति भाव भी स्‍वभाविक होता है। ये ईश्वर और प्रकृति पर पुरुषों से ज्‍यादा विश्वास करती हैं। धर्म पर आस्था रखने वाली स्त्री अच्छे और बुरे का अंतर आसानी से समझ लेती है। प्रकृति की पूजा करने से संतुलन का ज्ञान होना होता है, जो एक गुरु के लिए अहम है। इससे ये अपने शिष्‍य को बेहतर तरीके से शिक्षा दे पाती हैं।

Also Read: Dr Sarvepalli Radhakrishnan Birthday: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जीवन परिचय, यहां पढ़ें क्या थे उनके योगदान

दया और विनम्रता

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि स्त्री के पास दया और विनम्रता का गुण भी जन्‍म से ही होता है। एक गुरु या शिक्षक बच्‍चों को शिक्षा देने का कार्य करते हैं। इस दौरान बच्‍चों की गलतियों से अगर गुरु को बार-बार क्रोध आ रहा तो वो शिक्षा नहीं दे सकते। स्त्री अपने क्रोध पर बेहतर तरीके से काबू पा लेती हैं।

साहस

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में छह गुना अधिक साहस होता है। यह साहस स्त्रियों को समय आने पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखता है। ये किसी भी मुश्किल हालात को ज्‍यादा बेहतर तरीके से संभाल लेती हैं। गुरु के अंदर साहस का होना बहुत जरूरी है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर