Chanakya Niti: अगर नहीं खाना चाहते पीठ पीछे धोखा, तो इन बातों से पता करें किसी भी व्यक्ति की सच्‍चाई

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने किसी व्‍यक्ति को परखने के कई तरीके बताए हैं। आचार्य कहते हैं कि जिस तरह से सोने को घिसकर, काटकर, गर्म करके उसकी शद्धता मापी जाती है। इसी तरह किसी भी व्यक्ति को सिर्फ देखकर आप उसके बारे में सबकुछ नहीं जान सकते। व्‍यक्ति को परखने के लिए कई चीजों को देखना पड़ता है।

Chanakya Niti
चाणक्य नीति की अहम बातें 
मुख्य बातें
  • किसी व्‍यक्ति को परखने के लिए उसके त्‍याग को देखें
  • अगर व्‍यक्ति का आचरण अच्‍छा है तो वह व्‍यक्ति भी अच्‍छा होगा
  • व्‍यक्ति के गुण और कर्म से समझ सकते हैं कि वह कैसा है

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीति शास्‍त्र अगर कोई व्‍यक्ति अपने जीवन में अपना ले तो वह सफलता के रास्‍ते पर आसानी से आगे बढ़ सकता है। उसके अंदर लोगों की पहचान करने और सही गलत समझने की क्षमता अपने आप विकसित हो जाती है। आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि, जब किसी सोने की शुद्धता की बात आती है तो उसे घिसकर, काटकर, गर्म करके उसकी शद्धता मापी जाती है। इसी तरह किसी भी व्यक्ति को सिर्फ देखकर आप उसके बारे में सही तरीके से नहीं जान सकते हैं। किसी व्‍यक्ति को परखने के लिए उसके अंदर मौजूद गुण-अवगुण व अन्‍य कार्यों को भी देखना होता है।

श्लोक

यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निघर्षणच्छेदनतापताडनैः ।

तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा ॥

व्‍यक्ति के त्याग को परखें

आचार्य चाणक्‍य कहते है कि, अगर किसी व्यक्ति को परखना है तो उसके द्वारा किए गए त्‍याग को देखो। क्‍योंकि जो इंसान दूसरों के सुख में खुश और दूसरे के दुख में अपने सुख का त्याग कर दें, उससे अच्छा इंसान कोई नहीं हो सकता है। वहीं इससे उलट अगर कोई व्यक्ति आपके सामने खुद को आपका परम मित्र बताता है और दुख के समय सबसे पहले भाग जाता है, वह आपकी जिंदगी में किसी काम का नहीं है।

आचरण को समझे

आचार्य के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को जानना हो तो, उसके आचरण को देखें व समझें, क्योंकि जो इंसान अच्छा होता है वह हर तरह की बुराईयों से हमेशा दूर रहता है। वह न तो कभी किसी गलत काम में शामिल होता है और न ही धोखेबाज होता है। ऐसे लोग सबसे अच्छे होते हैं।

व्यक्ति के गुण देखें

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, किसी व्‍यक्ति के बारे में जानने का तीसरा तरीका है उसके अंदर मौजूद गुण है। आचार्य कहते हैं कि, हर व्यक्ति के अंदर कुछ गुण तो कुछ अवगुण होते हैं। अगर किसी व्‍यक्ति के अंदर झूठ बोलना, लोगों का अपमान करना और अहंकार दिखने जैसै अवगुण है तो ऐसे व्‍यक्ति से हमेशा दूरी बनाकर रहें।

व्‍यक्ति के कर्म को जानें

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को आप उसके द्वारा किए गए कार्यों से आसानी से जान सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से धन कमाता है और हर काम में धांधली करता है तो वह आपका मित्र बनने के बाद आपको भी नहीं छोड़ेगा। इसलिए ऐसे व्यक्ति से दूर रहने में ही भलाई है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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