दुबई: कोरोना वायरस महामारी के बीच बुधवार को सादगी से शुरू होने जा रहे हज के लिये मुस्लिम श्रद्धालु मक्का पहुंच रहे हैं। हर साल दुनियाभर के लगभग 25 लाख लोग हज करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते हाजियों की संख्या काफी कम है। सऊदी अरब के हज मंत्रालय के अनुसार इस साल पहले से ही देश में रह रहे लोग ही हज कर सकेंगे, जिनकी संख्या 1,000 से 10,000 के बीच है, इनमें दो-तिहाई विदेशी एक तिहाई सऊदी नागरिक हैं।
सऊदी अरब मध्यपूर्व में कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक है, जहां अब तक 2,66,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 2,733 लोगों की मौत हो चुकी है, कोरोना वायरस के चलते सऊदी अरब में हाजियों को एहतियात बरतने के लिये कहा गया है।
हज मुस्लिम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है, कहा जाता है कि एक व्यस्क मुसलमान को अपने पूरे जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए इस साल कोरोना की वजह से इस बार यात्रा पहले जैसी नहीं होगी।
दूसरे देश के लोग इस बार हज यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन अगर कोई विदेशी देश में ही रह रहा है तो उन्हें हज करने की इजाजत होगी, देश के बाहर से आने वाले यात्रियों को मक्का में आने की इजाजत नहीं होगी। सऊदी अरब में पढ़ाई कर रहीं मलेशियाई नागरिक फातिन दाऊद उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं, जिनकी हज की अर्जी मंजूर की गई है।
फातिन के चयन के बाद सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी उनके घर आए और उनकी कोविड-19 जांच की गई। इसके बाद उन्हें एक इलैक्टॉनिक ब्रेसलेट दी गई, जिससे उनकी आवाजाही की निगरानी रहती है। इसके अलावा उन्हें कई दिन के लिये घर में पृथक रहने के लिये भी कहा गया है।
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