देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु पाताल लोक में चार महीने के लिए सोने चले जाते हैं। साल 2020 में 01 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। उनके निद्रा में जाने से पहले देवशयनी एकादशी पर उनकी पूजा अहम मानी गई है। इस पूजा को सच्चे दिल और साफ मन से करना चाहिए। साथ ही हरिशयन मंत्र का जाप भी महत्वपूर्ण होता है, जो बेहद फलदायी माना गया है। श्री विष्णु के एक मंत्र का जाप आपकी पूजा की सारी कमियों को भी दूर कर देगा और आप पर प्रभु का आशीर्वाद बनाए रखेगा।
भगवान विष्णु के निद्राकाल को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य करना निषेध होता है। भगवान विष्णु कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन उठते हैं। इसलिए भगवान की इन चार महीनों पर आप कृपा बनी रहे, इसके लिए देवशयनी एकादशी के दिन व्रत और पूजा जरूर करनी चाहिए। देवशयनी एकादशी की पूजा की एकदम सरल विधि अपना कर भी आप एकादशी व्रत का पूरा पुण्य पा सकते हैं।
Devshayani Ekadashi Puja Ke Labh
देवशयनी एकादशी व्रत करने से सभी तरह के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं और मन शुद्ध होता है। साथ ही भक्तों के संकट दूर होते हैं और सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Devshayani Ekadashi : Harishanyan Mantra
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम्।
विबुद्दे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।
भगवान विष्णु के हरिशयन मंत्र का जाप सबसे अंत में करें और इसके बाद विष्णु जी को सोने के लिए आसन लगा दें। ये मंत्र जाप आपको विष्णु जी की कृपा का पात्र बनाएगा और आपके ऊपर आए संकटों को दूर कर देगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल