राशि के मुताबिक धनतेरस की पूजा होगी महा-फलदायी! जानिए 12 राशियों की पूजा

Puja of each rashifal in Hindi on Dhanteras: धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। 12 राशियां होती है और हर राशि की पूजा का अलग अलग विधान होता है जिसे उसी प्रकार संपन्न करने पर विशेष लाभ होता है।

Dhanteras Puja of each rashifal in Hindi
Dhanteras Puja of each rashifal in Hindi/धनतेरस के दिन किस राशि की कैसी हो पूजा  |  तस्वीर साभार: Times Now
मुख्य बातें
  • धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है
  • इस दिन राशि के मुताबिक पूजा करने से आपको विशेष लाभ होता है
  • हर 12 राशि की अलग अलग पूजा का विधान होता है

नई दिल्ली: दिपावली से पहले धनतेरस पर सोना, चांदी जैसी महंगी धातुओं के साथ-साथ पीतल के बर्तन और झाड़ू खरीदने की परंपरा है। दरअसल, धनतेरस को सुख, समृद्धि और आरोग्य का पर्व माना जाता है है। पौराणिक मान्यता और शास्त्रो के मुताबिक आरोग्य के देवता धन्वन्तरि अवतरित हुए थे। देशभर में आज यानी शुक्रवार को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। समुद्र मंथन के दौरान आरोग्य के देवता धन्वंतरि इसी कार्तिक कृष्ण के त्रयोदशी को अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। गौर हो कि भारत में 2016 से धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब है धनतेरस और उसका शुभ मुहूर्त?

धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। दिनांक 12 नवम्बर को रात्रि 09 बजकर 30 मिनट पर प्रारम्भ होगा व 13 नवम्बर को सायंकाल 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। उदया   तिथि के कारण धनतेरस 13 नवम्बर को मनाना उचित है। धनतेरस पूजा मुहूर्त-13 नवम्बर को सायंकाल 05:30 से05:59 मिनट तक
प्रदोष काल05:28 सायंकाल से 08:08 बजे रात्रि तक है। वृष काल में भी पूजा कर सकते हैं 05:30 सायंकाल से 07:29 रात्रि तक। 

धनतेरस पर राशि अनुरूप करें पूजा-

  1. मेष-कनकधारास्तोत्र का पाठ करें।र रोगों से मुक्ति के लिए कुशोदक से रूद्राभिषेक कराएं।
  2. वृष-श्री सूक्त का पाठ करें। समस्याओं के समाधान के लिए सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करें।
  3. मिथुन-कनकधारास्तोत्र व श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
  4. कर्क-धन प्राप्ति हेतु ऋग्वैदिक श्री सूक्तम का 108 बार पाठ कराएं।
  5. सिंह-धन प्राप्ति व  व्यवसाय में वृद्धि हेतु साबर मन्त्र का प्रयोग कर सकते हैं। कनकधारास्तोत्र भी पढ़ें।
  6. कन्या-श्री सूक्त व श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
  7. तुला-इस राशि के स्वामीग्रह शुक्र के बीज मन्त्र का जप करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 108 बार पाठ कराएं।
  8. वृश्चिक-धन प्राप्ति व व्यवसाय में वृद्धि के लिए ऋग्वैदिक श्री सूक्तम का 108 बार पाठ कराएं।
  9. धनु-विष्णु उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। श्री पुरुष सूक्त का भी पाठ कर सकते हैं।
  10. मकर-बंगलामुखी अनुष्ठान करें।
  11. कुम्भ--व्यवसाय व जाँब में उन्नति के लिए श्री सूक्त के साथ कनकधारास्तोत्र का भी पाठ करें।
  12. मीन-गुरु के बीज मंत्र का जप करें।व्यवसाय व जाँब में प्रगति के लिए ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के साथ श्री विष्णुसहस्रनाम का भी पाठ करें।

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