नई दिल्ली: दिपावली से पहले धनतेरस पर सोना, चांदी जैसी महंगी धातुओं के साथ-साथ पीतल के बर्तन और झाड़ू खरीदने की परंपरा है। दरअसल, धनतेरस को सुख, समृद्धि और आरोग्य का पर्व माना जाता है है। पौराणिक मान्यता और शास्त्रो के मुताबिक आरोग्य के देवता धन्वन्तरि अवतरित हुए थे। देशभर में आज यानी शुक्रवार को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। समुद्र मंथन के दौरान आरोग्य के देवता धन्वंतरि इसी कार्तिक कृष्ण के त्रयोदशी को अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। गौर हो कि भारत में 2016 से धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कब है धनतेरस और उसका शुभ मुहूर्त?
धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। दिनांक 12 नवम्बर को रात्रि 09 बजकर 30 मिनट पर प्रारम्भ होगा व 13 नवम्बर को सायंकाल 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के कारण धनतेरस 13 नवम्बर को मनाना उचित है। धनतेरस पूजा मुहूर्त-13 नवम्बर को सायंकाल 05:30 से05:59 मिनट तक
प्रदोष काल05:28 सायंकाल से 08:08 बजे रात्रि तक है। वृष काल में भी पूजा कर सकते हैं 05:30 सायंकाल से 07:29 रात्रि तक।
धनतेरस पर राशि अनुरूप करें पूजा-
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