आश्विन कृष्ण पक्ष में श्राद्धपक्ष या पितृ पक्ष होता है। पितरों के लिए 16 श्राद्ध होते हैं । इस पक्ष में उन सभी लोगों का पिंडदान किया जाता है जो किसी भी माह या तिथि पर स्वर्गवासी हुए हों। श्राद्ध दो प्रकार के होते हैं। पार्वण श्राद्ध और एकोदिष्ट श्राद्ध। आश्विन कृष्ण के पितृपक्ष में जो श्राद्ध किया जाता है वह पार्वण श्राद्ध कहा जाता है। पार्वण श्राद्ध पुरवजों के मृत्यु की तिथि के दिन किया जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
जिन लोगों कि मृत्यु की तिथि या दिन का पता नहीं होता ऐसे पितरों का श्राद्ध आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या पर किया जाता है। पितरों को पिंडदान करने वाला गृहस्थ दीर्घायु, यशस्वी होता है, लेकिन कुछ बातों श्राद्ध के समय जरूर ध्यान देनी चाहिए। इस माह कुछ काम बिलकुल निषेध होते हैं, उन्हें करने से बचना चाहिए, अन्यथा इसके बुरे परिणाम पूरे परिवार को भुगतने पड़ते हैं। तो आइए जानें क्या हैं वे काम जिनसे श्राद्ध में दूरी बना लेनी चाहिए।
पितृ पक्ष में रखें इन खास बातों का ध्यान
इन छोटी लेकिन बेहद महत्वूर्ण बातों का ध्यान श्राद्ध में जरूर दें, ताकि आप पितरों के कोप का शिकार न बनें।
धर्म व अन्य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल